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चीनी भाषा सीखने में बढ़ी पाकिस्तानी छात्रों की दिलचस्पी, जानें क्यों

पाकिस्तान में राष्ट्रीय आधुनिक भाषा विश्वविद्यालय (NUML) के चीनी भाषा विभाग में नामांकन में काफी वृद्धि हुई है। 1970 में जब यह विभाग स्थापित किया गया था, तब 13 विद्यार्थियों ने ही इस पाठ्यक्रम में नामांकन कराया था।

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इस्लामाबाद: पाकिस्तान में राष्ट्रीय आधुनिक भाषा विश्वविद्यालय (NUML) के चीनी भाषा विभाग में नामांकन में काफी वृद्धि हुई है। 1970 में जब यह विभाग स्थापित किया गया था, तब 13 विद्यार्थियों ने ही इस पाठ्यक्रम में नामांकन कराया था। लेकिन इस वर्ष पाठ्यक्रम में 460 विद्यार्थियों ने चीनी भाषा सीखने में उत्सुकता दिखाई है। इसका कारण अगले कई वर्षों में प्रस्तावित अरबों डॉलर के चीनी निवेश और CPEC को माना जा रहा है।

पिछले 19 वर्षो से NUML में चीनी भाषा मैंडरिन पढ़ा रहीं रशीदा मुस्तफा ने एक पाकिस्तानी अखबार से कहा, ‘हजारों की संख्या में विद्यार्थियों ने NUML में इस भाषा(मैंडरिन) को सीखा है और अलग-अलग क्षेत्रों में उन्होंने अपने करियर बनाए हैं।’ अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी भाषा सीखने के प्रति पाकिस्तानी विद्यार्थियों की बढ़ती मांग को देखते हुए चीन सरकार ने 2015 में NUML में विस्तार स्वरूप कन्फ्यूशियस संस्थान स्थापित करने को अपनी स्वीकृति दी थी।

रशीदा ने कहा, ‘चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) विद्यार्थियों की संख्या में वृद्धि का एक बड़ा कारण है। विद्यार्थी देख सकते हैं कि समय बदल रहा है और आशा कर सकते हैं कि चीनी भाषा जानने का मतलब पाकिस्तान और चीन में ज्यादा रोजगार के अवसर होना है।’ पाकिस्तान में इस समय कम से कम 4 संस्थानों में इस भाषा की पढ़ाई हो रही है, जिनमें इस्लामाबाद में NUML, फैसलाबाद में कृषि विश्वविद्यालय, लाहौर में पंजाब यूनिवर्सिटी और करांची में करांची यूनिवर्सिटी शामिल हैं।

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