बीजिंग: चीन अंतरिक्षयान की स्वायत्त दिशासूचक प्रणाली के परीक्षण के तहत अगले माह एक एक्स-रे पल्सर दिशासूचक उपग्रह प्रक्षेपित करने की योजना बना रहा है। यह जानकारी चीन के एयरोस्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी कॉरपोरेशन (CASC) फिफ्थ एकेडमी ने दी है। इस उपग्रह के प्रमुख सिस्टम डिजाइनर शुई पिंग ने कहा कि एक्स-रे पल्सर नेविगेशन एक ऐसी नवोन्मेषी दिशासूचक तकनीक है, जिसमें पल्सरों (तीव्र विद्युत चुंबकीय विकिरण उत्सर्जित करने वाले मृत तारे के मूल) से निकलने वाले एक्स-रे सिग्नलों का इस्तेमाल अंतरिक्ष में मौजूद अंतरिक्ष यान की स्थिति की पहचान के लिए किया जाता है।
सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की एक रिपोर्ट के अनुसार, CASC फिफ्थ एकेडमी द्वारा विकसित उपग्रह (एक्सपीएनएवी-1) का वजन 200 किलोग्राम से ज्यादा है और इसमें दो संसूचक लगे हैं। एकेडमी ने कहा कि अपने इस अभियान के तहत उपग्रह पृष्ठभूमि में ब्रह्मांड के शोर की प्रतिक्रिया में संसूचकों की कार्यप्रणाली का परीक्षण करेगा और तारों के दिशासंसूचन के लिए एक डाटाबेस तैयार करेगा।
एक्स-रे पल्सर नेविगेशन तकनीक अंतरिक्ष यान की जमीन आधारित दिशासंसूचक प्रणालियों पर निर्भरता कम करने में मदद करेगा और इसके जरिए अंतरिक्षयान को अपनी खुद की दिशासंसूचक प्रणाली मिलने की संभावना है।
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