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पाकिस्तान: मामूली आंधी में गिरे करतारपुर गुरुद्वारे के 8 गुंबद, सिख समुदाय में भारी नाराजगी

माना जा रहा है कि इसके निर्माण में घटिया मटीरियल का इस्तेमाल किया गया था जिसके चलते ये मामूली आंधी भी नहीं झेल पाए।

Kartarpur Sikh Gurudwara, Kartarpur Pakistan, Kartarpur Gurudwara Domes- India TV Hindi पाकिस्तान में स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारे के 8 गुंबद शनिवार को मामूली आंधी में ढह गए। Twitter Photo

करतारपुर: पाकिस्तान में स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारे के 8 गुंबद शनिवार को मामूली आंधी में ढह गए। बता दें कि पिछले साल गुरु नानक देव के 550वें जन्मोत्सव पर भारत और पाकिस्तान के बीच कॉरिडोर खोला गया था और इन गुंबदों का निर्माण 2018 में किया गया था। माना जा रहा है कि इसके निर्माण में घटिया मटीरियल का इस्तेमाल किया गया था जिसके चलते ये मामूली आंधी भी नहीं झेल पाए। सीमा पर दोनों ओर शुक्रवार से आंधी-तूफान चल रहा है।

गुरु नानक देव ने बिताए थे 18 साल
करतारपुर में ही सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने अपने जीवन के 18 साल बिताए थे। यही वजह है कि इस गुरुद्वारे की बहुत ज्यादा अहमियत है। भारत-पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय सीमा से करतारपुर 3.80 किलोमीटर दूर है। गुरु नानक देव जी अपनी 4 प्रसिद्ध यात्राओं को पूरा करने के बाद 1522 में परिवार के साथ करतारपुर में रहने लगे थे। पिछले साल भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत के बाद दोनों देशों के बीच कॉरिडोर खोला गया जिससे भारतीयों को बिना वीजा के वहां जाने की इजाजत मिल गई।

फाइबर से बनाए गए थे गुरुद्वारे के गुंबद
लोगों में इस घटना को लेकर पाकिस्तान सरकार के खिलाफ भारी नाराजगी है। आरोप लगाया जा रहा है कि पाकिस्तान सरकार ने जिस तरह से यहां निर्माण कराया है, वह सही नहीं है। पाकिस्तान की सरकार ने करतारपुर गुरुद्वारे का जीर्णोद्धार और रंगरोगन कराया था, साथ ही कहीं-कहीं पुनर्निर्माण भी हुआ था। गुंबदों को सीमेंट, लोहे और कंक्रीट की बजाय फाइबर से बनाया गया था, लेकिन उसमें भी बेहद घटिया क्वॉलिटी का सामान इस्तेमाल किया है। यही वजह है कि गुंबद मामूली आंधी भी नहीं झेल सके।

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