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पाकिस्तान की राजधानी में हिंदुओं का मिला पहला मंदिर और श्मशान घाट

पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में रहने वाले हिंदू समुदाय को आखिरकार अब एक सुव्यवस्थित मंदिर मिल जाएगा, जिससे वह शहर में ही पूजा-पाठ कर सकेंगे और उन्हें अपने धार्मिक अनुष्ठानों के लिए शहर से बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी।

<p>Pakistan's capital to get its first Hindu temple</p>- India TV Hindi Image Source : IANS PHOTO Pakistan's capital to get its first Hindu temple

इस्लामाबाद: पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में रहने वाले हिंदू समुदाय को आखिरकार अब एक सुव्यवस्थित मंदिर मिल जाएगा, जिससे वह शहर में ही पूजा-पाठ कर सकेंगे और उन्हें अपने धार्मिक अनुष्ठानों के लिए शहर से बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी। मंदिर के साथ ही हिंदू समुदाय को अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट भी नसीब हो सकेगा। उन्हें शहर में पहली बार मंदिर के साथ ही श्मशान घाट की सुविधा मिल सकेगी।

इस्लामाबाद के एच-9 सेक्टर क्षेत्र में एक सादा समारोह आयोजित किया गया, जिसमें राजधानी के पहले हिंदू मंदिर के निर्माण के लिए चार कनाल भूमि का आवंटन किया गया। मानवाधिकार मामलों के संसदीय सचिव लाल चंद मल्ही ने समारोह आयोजित किया। उन्होंने कहा कि पिछले दो दशकों में राजधानी में हिंदू आबादी काफी बढ़ी है, जिससे उनके पूजा करने के लिए मंदिर बनाना महत्वपूर्ण हो गया है। उन्होंने कहा, "इस्लामाबाद में हिंदू समुदाय लंबे समय से मंदिर बनाने की मांग कर रहा है। यहां कई हिंदू मंदिर खंडहर की हालत में हैं। इसके अलावा इस्लामाबाद में कोई श्मशान घाट नहीं है।"

इस्लामाबाद हिंदू पंचायत ने इस मंदिर का नाम श्री कृष्ण मंदिर रखा है, जिसका निर्माण एच-9/2 में कम से कम 20,000 वर्ग फीट क्षेत्र में किया जाना है। राजधानी विकास प्राधिकरण (सीडीए) ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के आदेशों के अनुसार 2017 में मंदिर के लिए यह क्षेत्र आवंटित किया था।

मंदिर निर्माण की मंजूरी मिलने के बाद सीडीए और अन्य अधिकारियों द्वारा साइट मानचित्र की मंजूरी जैसी औपचारिकताओं को पूरा करने देरी हुई, जिससे हिंदू समुदाय का मंदिर के लिए इंतजार और भी लंबा हो गया।

साइट मानचित्र के अनुसार, मंदिर परिसर में तमाम धार्मिक संस्कारों की अलग-अलग जगहें होंगी और साथ ही एक श्मशान घाट के लिए भी जगह निर्धारित की गई है। धार्मिक मामलों के मंत्री पीर नूरुल हक कादरी ने कहा कि पाकिस्तान की सरकार इस मंदिर निर्माण की लागत को वहन करेगी, जिसमें करीब 10 करोड़ पाकिस्तानी रुपये खर्च होगा। कादरी ने प्रधानमंत्री इमरान खान के सामने इस मामले को भी उठाया है, ताकि मंदिर के निर्माण और रखरखाव के लिए इसे विशेष अनुदान दिया जा सके।

पाकिस्तान की राजधानी में हिंदू मंदिर के निर्माण की मंजूरी ऐसे समय में आई है, जब पाकिस्तान सरकार मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार की यह कहकर आलोचना कर रही है कि 'वह भारतीय मुसलमानों पर अत्याचार कर रही है, मस्जिदों के दरवाजे बंद कर रही है और बाबरी मस्जिद स्थल पर हिंदू मंदिर बनाने की अनुमति दे रही है।'

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