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जानें, कुत्ते का मांस क्यों खा रहे हैं किम जोंग उन के उत्तर कोरिया के लोग

उत्तर कोरिया अक्सर अपने शासक किम जोंग उन के तानाशाही रवैये के चलते चर्चा में रहता है। एक बार फिर से यह देश चर्चा में है और इस बार इसका केंद्र किम जोंग नहीं वहां के लोग हैं।

House of Sweet Meat, a restaurant specialized in dishes made of dog meat, in Pyongyang | AP- India TV Hindi House of Sweet Meat, a restaurant specialized in dishes made of dog meat, in Pyongyang | AP

प्योंगयांग: उत्तर कोरिया अक्सर अपने शासक किम जोंग उन के तानाशाही रवैये के चलते चर्चा में रहता है। एक बार फिर से यह देश चर्चा में है और इस बार इसका केंद्र किम जोंग नहीं वहां के लोग हैं। दरअसल, उत्तर कोरिया में इस समय गर्मी बेहद ज्यादा है और इससे बचने के लिए इस देश के निवासी कुत्तों को मारकर खा रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुत्तों को बड़ी संख्या में मारकर खाया जा रहा है और इनके मांस की खपत इस देश में बढ़ गई है।

तेज गर्मी में उत्तर कोरिया में यहां की सबसे बड़ी शराब बनाने वाली कंपनी सामान्य रूप से दोगुनी बियर का उत्पादन कर रही है। प्योंगयांग निवासी ‘बिंग्सू’ का सेवन कर रहे हैं जो बर्फ से बनती है। इसके अलावा रेस्टोरेंटों में गर्मी के इस मौसम में कुत्ते के मांस का मसालेदार सूप परोसा जा रहा है। आमतौर पर इसे ‘डेंडोगी’ या मीठे मांस के रूप में जाना जाता है। उत्तर और दक्षिण कोरिया में लंबे समय से कुत्ते को एक आंतरिक बल प्रदान करने वाला भोजन माना जाता है और परंपरागत रूप से वर्ष के सबसे गर्म समय के दौरान यह खाया जाता है। 

ऐसे में एक पुरानी कहावत ‘गर्मी के दिनों के लिए कुत्ते’ इस जानवर के लिए बुरी साबित हो रही है। पूर्वी एशिया में लू के दौरान 3 दिनों 17 जुलाई, 27 जुलाई और 16 अगस्त को कुत्ते के मांस की सर्वाधिक खपत होती है। चंद्र कैलेंडर के अनुसार इन 3 तिथियों को ‘सांमबोक’ भी कहा जाता है। चाहे जो भी हो, उत्तर कोरियाइयों को ठंडक पहुंचान के लिए यहां के कुत्ते बहुत बड़ी कुर्बानी दे रहे हैं।

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