पेशावर: विभाजन के दौरान सिखों के भारत चले जाने के बाद, पिछले 70 साल से बंद पड़े एक प्राचीन सिख गुरूद्वारे को आज यहां एक विशेष समारोह में प्रार्थना के लिए फिर से खोला गया। हश्तनगरी इलाके के मोहल्ला जोगीवाड़ा में स्थित भाई बेबा सिंह गुरूद्वारे को खोले जाने पर अल्पसंख्यक समुदायों ने प्रसन्नता जतायी है।
इवैक्यू प्रॉपर्टी ट्रस्ट के अध्यक्ष सिदीक-उल-फारूक ने औपचारिक रूप से नामपट्टिका का अनावरण कर गुरूद्वारे को फिर से खोला। मंदिर खुलते ही सिखों ने धार्मिक रीति-रिवाजों से प्रार्थना किया। ऑल पाकिस्तान हिन्दू राइट्स मूवमेंट के अध्यक्ष हारून सरबदियाल ने कहा, ऐतिहासिक सिख गुरूद्वारे को खोलना पाकिस्तान की वास्तविक नरम छवि पेश करता है, जहां अल्पंसख्यकों को जीवन और प्रार्थना का समान अधिकार मिल रहा है।
खैबर-पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री के विशेष सहायक सरदार सूरन सिंह ने कहा, बंद गुरूद्वारे को खोलने का मुश्किल फैसला लेकर सरकार ने अल्पसंख्यकों को समुचित अधिकार दिया है।
पाकिस्तान सिख गुरूद्वारा प्रबंधक समिति के सदस्य सरदार बिशन सिंह ने कहा कि गुरूद्वारे को खोलना सभी के हित में सरकार का अच्छा फैसला है, विशेष रूप से पेशावर के लिए।
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