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अच्छे या बुरे आतंकवादी जैसा कुछ नहीं है: मुखर्जी TO शी

आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर चीन से सहयोग की मांग करते हुए कहा कि अच्छा या बुरा आतंकवादी जैसा कुछ नहीं होता।

Pranab Mukherjee - India TV Hindi Pranab Mukherjee

बीजिंग: आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर चीन से सहयोग की मांग करते हुए कहा कि अच्छा या बुरा आतंकवादी जैसा कुछ नहीं होता। भारत ने इसके साथ ही परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में शामिल होने के अपने प्रयासों के बीच ही चीन को बताया कि उसे परिभाषित करने योग्य परमाणु व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कमान संभालनी चाहिए।

चीन की चार दिवसीय सरकारी यात्रा के अंतिम चरण में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की अपने चीनी समकक्ष शी चिनफिंग तथा प्रधानमंत्री ली क्विंग के साथ हुई बातचीत में ये दोनों मुद्दे सामने आए। मुखर्जी ने दोनों नेताओं के साथ ग्रेट हॉल ऑफ दी पीपुल में मुलाकात की। कुल मिलाकर चीनी नेतृत्व ने राष्ट्रपति की चीन यात्रा की सराहना की और तीनों नेताओं ने विभिन्न पदों पर रहते हुए मुखर्जी के लंबे राजनीतिक कार्यकाल के दौरान द्विपक्षीय संबंधों के निर्माण में भारतीय राष्ट्रपति की सकारात्मक भूमिका को सराहा। हालांकि मतभेदों को भी स्वीकार किया गया।

शी के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की मुखर्जी की 80 मिनट की मुलाकात के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए विदेश सचिव एस जयशंकर ने कहा कि दोनों पक्षों ने बेहद साफगोई से बात की और दोनों पक्षों ने एक दूसरे की संवेदनशीलताओं और चिंताओं का सम्मान करने की जरूरत को भी स्वीकारा। आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करवाने की पहल में संयुक्त राष्ट्र में अडंगा लगाए जाने और परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) का हस्ताक्षरकर्ता नहीं होने के आधार पर भारत के एनएसजी में प्रवेश के प्रयासों में बाधा उत्पन्न करने के चीनी प्रयासों की पृष्ठभूमि में राष्ट्रपति मुखर्जी द्वारा आतंकवाद से लड़ने में सहयोग और परिभाषित करने योग्य परमाणु व्यवस्था के मुद्दे को उठाया जाना काफी मायने रखता है।

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