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नॉर्थ कोरियाई महिला सैनिकों के साथ रेप होना आम बात, समय से पहले बंद हो जाते हैं पीरियड्स

तानाशाह देश उत्तर कोरिया में नागरिकों के साथ बढ़ते अत्यचारों की खबरे पूरी दुनिया में फैली हुई है, लेकिन हाल ही में उत्तर कोरिया के बारे में एक ऐसी बात पता चली है जिससे आपकी रूह कांप जाएगी।

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तानाशाह देश उत्तर कोरिया में नागरिकों के साथ बढ़ते अत्यचारों की खबरे पूरी दुनिया में फैली हुई है, लेकिन हाल ही में उत्तर कोरिया के बारे में एक ऐसी बात पता चली है जिससे आपकी रूह कांप जाएगी। दुनिया की चौथी सबसे पड़ी सेना कहलाने वाली उत्तर कोरिया की सैना में सैनिकों के हालात इतने खराब हैं कि कोई सोच भी नहीं सकता। उत्तर कोरिया की सेना में काम करने वाली एक महिला ने दावा किया है कि यहां महिला सैनिकों के साथ बालात्कार आम हो चुका है। महिला ने बताया कि वह और उसके साथ की दो दर्जन से भी अधिक महिलाएं पिछले 10 सालों से एक कमरे में रह रहीं हैं। यहां हर महिला को एक गैराज मिला हुआ है। यहां पर महिलाओं को केवल दो तस्वीरें लगाने की इजाज़त है जो कि उत्तर कोरिया के संस्थापक किम इल-सुंग और किम जोंग इल की है। (जेल से रिहा होते ही हाफिज सईद ने दी गिदड़भभकी, कहा कश्मीर लेकर रहेंगे)

ली सो येआन नाम की यह महिला 10 साल पहले उत्तर कोरिया छोड़ चुकी है लेकिन आज भी उनके मन में वहां की यादें ताजा है। उन्होंने बताया कि, "चावल की भूसे के बने बिस्तरे पर हम सोते थे। इसलिए पसीने की बदबू बिस्तर में भी चली जाती थी। पूरे बिस्तर में पसीने और अन्य चीजों की बदबू भरी रहती थी।" ली ने बताया कि, वहां नहाने की सुविधा उपलब्ध नहीं थी जिसकी वजह से अनेकों समस्याओं का सामना करना पड़ता था। उन्होंने बताया कि, वहां पर पहाड़ के झरने से पानी आता था, गरम पानी की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। झरने से आने वाले पानी में सांप और मेंढक भी आते थे। ली ने बताया कि जब वह 17 साल की थी उस समय उन्हें और बाकी महिला सैनिकों को खाना बनाना पड़ता था और साफ-सफाई वाले काम करने पड़ते थे जबकि पुरूषों को इससे छूट मिली हुई थी। महिलाओं को यहां रसोई के कामों तक ही सीमित रखा गया था।

ली के मुताबिक, कुपोषण और तनाव के कारण उन्हें और उनकी बाकी महिला साथियों को 6 महीने और एक साल के भीतर पीरियड्स बंद हो गए थे। इसके बावजूद भी महिला सैनिक इसे अच्छा मानती थी क्योंकि उनका मानना ता कि पीरियड्स होने से उनकी स्थिति और भी खराब हो सकती थी। ली बताती है कि मजबूरी में महिलाओं को कई बार इस्तेमाल किए हुए पैड्स का दोबारा प्रयोग करना पड़ता था। 20 साल की एक लड़की ने बताया कि उसे इतनी ट्रेनिंग कराई जाती थी कि दो साल तक उसे पीरियड्स ही नहीं हुए। 2015 मे यहां सभी महिलाओं के लिए 18 साल के बाद न्यूनतम सात साल तक की मिलिट्री सेवा करना अनिवार्य हो गया। किताबों के लेखकों का मानना है कि यहां सेक्सुअल हैरसमैंट भी बुरी तरह फैला है।

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