टोक्यो: उत्तरी जापान में स्थानीय समयानुसार मंगलवार सुबह 5:59 मिनट पर रिक्टर पैमाने पर 7.4 तीव्रता का जबर्दस्त भूकंप आया। जापान की मौसम एजेंसी ने इसकी पुष्टि की। इससे एक मीटर ऊंची सुनामी लहरें फुकुशीमा के तट पर उठती देखी गईं। यहीं पर फुकुशीमा परमाणु प्लांट भी स्थित है।
भूकंप का केंद्र फुकुशिमा से 70 किलोमीटर दूर जमीन से 10 किलोमीटर नीचे स्थित था। हालांकि अभी किसी तरह के नुकसान या लोगों के घायल होने की खबर नहीं है। पांच साल पहले 2011 में फुकुशिमा सुनामी की मार झेल चुका है। उस हादसे में भारी तबाही हुई थी।
सरकारी मीडिया NHK ने स्थातनीय लोगों को तत्काल वहां से भागकर ऊंचे स्थानों पर जाने के लिए कहा है। सरकारी मीडिया की स्क्रीन पर लाल अक्षरों में 'सुनामी', 'भागो' जैसे शब्दों वाली चेतावनी भी दर्ज की गई। इससे लोगों में 2011 में इसी क्षेत्र में आए भूकंप और सुनामी की यादें ताजा हो गई हैं। उस वक्त सर्वाधिक तबाही सुनामी की वजह से हुई थी और 18 हजार से अधिक लोगों की जानें चली गई थीं।
गौरतलब है कि मार्च, 2011 में यहां आए भूकंप और सुनामी के चलते टेप्को का डायची परमाणु प्लांट बुरी तरह प्रभावित हुआ था। उल्लेखनीय है कि जापान दुनिया के सबसे सक्रिय सीस्मिक क्षेत्रों में शुमार है। इसलिए यहां पर अक्सर भूकंप आते रहते हैं। दुनिया में 6 या उससे अधिक तीव्रता के अब तक आए सभी भूकंपों में अकेले जापान की हिस्सेदारी इस मामले में तकरीबन 20 प्रतिशत है।
इससे पहले 11 मार्च, 2011 को जापान में रिक्टबर पैमाने पर 9 तीव्रता का अब तक का सर्वाधिक शक्तिशाली भूकंप रिकॉर्ड किया गया। उससे उपजी सुनामी की लहरों ने चेर्नोबिल संकट के बाद दुनिया में सबसे बड़े परमाणु संकट को उत्पडन्न कर दिया था।
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