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पाकिस्तान के बिना अमेरिका-तालिबान शांति वार्ता असंभव थी: कुरैशी

अमेरिका और अफगान तालिबान के बीच शांति समझौते का श्रेय लेते हुए पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने शनिवार को कहा कि उनके देश ने सफल वार्ता में अपनी भूमिका निभाते हुए अमेरिका से किए गए अपने सभी वादों को पूरा किया है। 

US-Taliban peace talks were impossible without Pakistan: Qureshi- India TV Hindi US-Taliban peace talks were impossible without Pakistan: Qureshi

इस्लामाबाद: अमेरिका और अफगान तालिबान के बीच शांति समझौते का श्रेय लेते हुए पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने शनिवार को कहा कि उनके देश ने सफल वार्ता में अपनी भूमिका निभाते हुए अमेरिका से किए गए अपने सभी वादों को पूरा किया है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने शुक्रवार को कहा कि अफगानिस्तान में 29 फरवरी को अमेरिका और तालिबान के बीच एक समझौता हो सकता है।

पोम्पिओ के अनुसार अगले सप्ताह अमेरिका-तालिबान समझौते पर हस्ताक्षर हो सकते हैं। यह ऐतिहासिक समझौता अमेरिका के सबसे लंबे विवाद को समाप्त करने का मार्ग प्रशस्त करेगा। कुरैशी ने इस सौदे को एक ऐतिहासिक सफलता करार देते हुए कहा कि इसके लिए पाकिस्तान ने सूत्रधार की भूमिका निभाई। कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान पूरी प्रक्रिया में शामिल था। 

विदेश मंत्रालय ने कुरैशी के हवाले से कहा, ‘‘इस सौदे पर पाकिस्तान की मौजूदगी में हस्ताक्षर किए जाएंगे, क्योंकि हमारे प्रयासों के बिना यह सौदा असंभव था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान ने शांति प्रक्रिया में पूरी ईमानदारी के साथ अपनी भूमिका निभाई है और यह अब अफगान सरकार के ऐसा करने की बारी है।’’ कुरैशी ने कहा कि जब पोम्पिओ पिछले साल पाकिस्तान आए थे तो दोनों देशों के बीच संबंध अच्छे नहीं थे। कुरैशी ने कहा, ‘‘पोम्पिओ ने मुझे बताया कि पाकिस्तान और अमेरिका के बीच संबंधों को बेहतर करने का मार्ग काबुल से होकर गुजरता है। अब मैं उन्हें याद दिलाना चाहूंगा कि हमने अपने सभी वादे पूरे किए हैं। न केवल हमने एक शांति टीम का निर्माण किया, बल्कि हमने वार्ता सफल करने में भी अपनी भूमिका निभाई।”

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