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सऊदी अरब की नाराजगी पाकिस्तान को पड़ी भारी! जानिए हर हाल में क्यों डैमेज कंट्रोल चाहती है पाकिस्तान आर्मी

पाकिस्तान ने कर्ज की पहली किश्त के तौर पर सऊदी अरब को एक अरब डॉलर लौटा दिए हैं। पाकिस्तान ने चीन से कर्ज लेकर सऊदी अरब का उधार लौटाया है, जबकि पाकिस्तान के ऊपर अब भी 5.2 अरब डॉलर का कर्ज बाकी है। 

why saudi arabia is important for pakistan । सऊदी अरब की नाराजगी पाकिस्तान को पड़ी भारी! जानिए हर हा- India TV Hindi Image Source : INDIA TV  सऊदी अरब की नाराजगी पाकिस्तान को पड़ी भारी! जानिए हर हाल में क्यों डैमेज कंट्रोल में जुटी पाकिस्तान आर्मी 

नई दिल्ली. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी इन दिनों अपने मुल्क में चारों तरफ से घिर गए हैं। पाकिस्तानी फौज के करीबी शाह महमूद कुरैशी की कुर्सी जाना बिल्कुल तय है क्योंकि उनके बयानों की वजह से सऊदी अरब पाकिस्तान से खासा नाराज है। शाह महमूद कुरैशी भारत और कश्मीर के बारे में आए दिन बयानबाजी करते रहते हैं, लेकिन इमरान का ये बड़बोला मंत्री इसबार सऊदी अरब के खिलाफ बयानबाजी कर बैठा, जो पाकिस्तातन को बहुत भारी पड़ गया है। पाकिस्तान के बड़बोले विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी का वो बयान जिसमें उन्होंने कश्मीर मुद्दे को लेकर सऊदी अरब की तीखी आलोचना की थी।

सऊदी से पाकिस्तान के रिश्ते खत्म!
शाह महमूद कुरैशी के सऊदी विरोधी बयान से पाकिस्तान की जान गले में अटकी हुई है क्योंकि सऊदी अरब की वजह से पाकिस्तान की अर्थव्यस्था चलती है। इसलिए डैमेज कंट्रोल के लिए जनरल कमर जावेद बाजवा, आईएसआई चीफ के साथ सऊदी अरब की राजधानी रियाद पहुंच गए हैं। सऊदी अरब से पाकिस्तान के रिश्ते लगभग खत्म हो चुके हैं, दोनों देशों के बीच चल रहा तनाव किसी से से छिपा नहीं है। ये तल्खी इस कदर बढ़ गई है कि सऊदी अरब एक कठोर साहूकार की तरह पाकिस्तान से अपना कर्ज वसूल रहा है।

पाकिस्तान को नया कर्ज देने पर रोक

सऊदी अरब ने पाकिस्तान को नया कर्ज देने पर रोक लगा दी है और उधार में तेल देना भी बंद कर दिया है। यही वजह है कि पाकिस्तान में फौज का दबदबा बनाए रखने के लिए सेना प्रमुख बाजवा और आईएसआई चीफ सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को मनाने रियाद पहुंच चुके हैं। आज सुबह करीब 10 बजे जनरल कमर जावेद बाजवा आईएसआई चीफ के साथ रियाद पहुंचे। पाकिस्तान एंबेसी के मुताबिक दोनों का ये कार्यक्रम पहले से तय था। 

सऊदी की मर्जी के बिना OIC में पत्ता नहीं हिलता

शाह महमूद कुरैशी को भी पता था कि उन्होंने OIC को लेकर एक बड़ा बयान दे दिया है। उनके इस बयान को OIC में सऊदी अरब नेतृत्व को चुनौती देने की तरह देखा गया। OIC दुनिया के 57 मुस्लिम देशों का संगठन है। सऊदी अरब के जेद्दाह शहर में इसका मुख्यालय है और आप यह मान सकते हैं कि सऊदी अरब की मर्जी के बिना OIC में पत्ता नहीं हिलता। 

शाह महमूद कुरैशी को लेकर पाकिस्तान की कल्चरल मिनिस्टर शिरीन मजारी ने भी मोर्चा खोल दिया है। शिरीन मजारी इमरान खान की बेहद करीबी हैं और कश्मीर के मुद्दे पर भारत विरोधी बयानों के लिए जानी जाती हैं।

2018 में सऊदी ने पाकिस्तान को दिया 6.2 अरब डॉलर का कर्ज 

पाकिस्तान के लिए सऊदी अरब से रिश्ते ठीक करना कितना जरूरी है उसे इस तरह समझा जा सकता है। पाकिस्तान ने साल 2018 में सऊदी अरब से 6.2 अरब डॉलर का कर्ज लिया था। कर्ज के समझौते के मुताबिक, पाकिस्तान को 3.2 अरब डॉलर का तेल उधार में देना तय हुआ था। इस समझौते की मियाद दो महीने पहले ही खत्म हो चुकी है। सऊदी अरब ने पाकिस्तान से कर्ज चुकाने के लिए कहा था।

चीन से कर्ज लेकर पाकिस्तान ने सऊदी को लौटाए 1 अरब डॉलर

पाकिस्तान ने कर्ज की पहली किश्त के तौर पर सऊदी अरब को एक अरब डॉलर लौटा दिए हैं। पाकिस्तान ने चीन से कर्ज लेकर सऊदी अरब का उधार लौटाया है, जबकि पाकिस्तान के ऊपर अब भी 5.2 अरब डॉलर का कर्ज बाकी है। जिसमें से सऊदी अरब ने और एक अरब डॉलर की डिमांड की है। अगर सऊदी अरब से पाकिस्तान का दशकों पुराना रिश्ता टू गया तो उसके लिए काफी मुश्किल हो सकती है क्योंकि पाकिस्तान की एक बड़ी जनसंख्या सऊदी अरब में ही नौकरी करती है और सऊदी अरब में पाकिस्तान के लोगों के बड़े कारोबार हैं, जिससे पाकिस्तान को सऊदी रियाल मिलता है।

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