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Hindi News विदेश एशिया चीन सोशल मीडिया और गूगल के बाद अब एप्पल फाइल शेयरिंग सर्विस को भी करेगा विनियमित, जानें वजह

चीन सोशल मीडिया और गूगल के बाद अब एप्पल फाइल शेयरिंग सर्विस को भी करेगा विनियमित, जानें वजह

दूसरों के घर ताक-झांक करने की आदत से मजबूर चीन खुद के घर को पूरी तरह सुरक्षित रखना चाहता है। इसलिए चीन ने गूगल और सोशल मीडिया के बाद अब एप्पल के फाइल शेयरिंग सर्विस की निगरानी करने और उसे विनियमित करने का फैसला किया है।

प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi Image Source : FILE प्रतीकात्मक फोटो

राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व वाली चीनी सरकार ने फिर से एप्पल के फाइल-शेयरिंग ऐप- एयरड्रॉप और ब्लूटूथ के माध्यम से स्थानांतरित किए जा रहे संदेशों और मीडिया फ़ाइलों की जांच करने की अपनी योजना का प्रदर्शन किया है। इससे पहले चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार ने ऐसी सामग्री को फ़िल्टर करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भारी सख्ती की थी। हालांकि अधिकारियों का मानना ​​​​है कि यह वर्तमान शासन के अनुकूल नहीं है। मगर यह पहली बार है जब सरकार ने प्रदर्शनकारियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले संचार को सेंसर करने का प्रयास किया।

द गार्जियन की एक रिपोर्ट के अनुसार बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों द्वारा संदेशों और मीडिया फ़ाइलों का आदान-प्रदान करने के लिए इन दो एप्पल एप्लिकेशन का उपयोग करने के बाद यूएस-आधारित प्रौद्योगिकी फर्म पर कार्रवाई की गई। वास्तव में देश के शीर्ष इंटरनेट नियामक चीन के साइबरस्पेस प्रशासन ने मसौदा नियम जारी किए हैं, जिसमें उसने सेवा प्रदाताओं से "हानिकारक" और "अवैध जानकारी" पर कड़ी निगरानी रखने को कहा है। यह ड्राफ्ट सेवा प्रदाताओं को अधिकारियों के साथ डेटा साझा करने के लिए भी अनिवार्य करता है।

सेवा प्रदाताओं के सामने शर्त

रिपोर्ट के अनुसार, प्रस्तावित नियमों के तहत, सेवा प्रदाताओं को हानिकारक और अवैध सूचनाओं के प्रसार को रोकना होगा, प्रासंगिक रिकॉर्ड को सुरक्षित रखना होगा और नियामकों को उनकी खोज की रिपोर्ट करनी होगी। इसके अलावा प्रस्तावित मसौदे में सेवा प्रदाताओं को इंटरनेट नियामकों और पुलिस सहित संबंधित अधिकारियों को निरीक्षण करते समय डेटा और तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए भी कहा गया है। साथ ही इंटरनेट उपयोगकर्ताओं को अपने वास्तविक नामों के साथ पंजीकरण करने के लिए भी कहा गया है।  कंसल्टिंग फर्म ट्रिवियम चाइना के एक वरिष्ठ विश्लेषक टॉम ननलिस्ट ने कहा, "नए मसौदा नियम एयरड्रॉप और इसी तरह की सेवाओं को चीन के ऑनलाइन सामग्री नियंत्रण तंत्र में मजबूती से लाएंगे।"

अभी तक चीन के पास नहीं है एप्पल पर निगरानी की तरकीब
गूगल के Android और अन्य चीनी फोन निर्माताओं जैसे कि Xiaomi और Oppo ने पहले ही एक ऐसी प्रणाली का निर्माण कर लिया है, जिसमें कम्युनिस्ट सरकार संदेशों की निगरानी और फ़िल्टर कर सकती है। हालांकि अब तक चीनी सरकार के पास एप्पल के एयरड्रॉप या ब्लूटूथ पर नज़र रखने के लिए कोई विशेष रणनीति नहीं है। विशेषज्ञों के अनुसार एप्लिकेशन चीन में फ़ाइलों को साझा करने के लिए एक अपेक्षाकृत अप्राप्य तरीका था, जहां अधिकांश सोशल मीडिया और मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पर कड़ी निगरानी रखी जाती है।

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