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Hindi News विदेश एशिया ड्रैगन को मिला करारा जवाब, ताइवान के एयरस्पेस में घुसे 10 चीनी लड़ाकू विमान भागने को हुए मजबूर

ड्रैगन को मिला करारा जवाब, ताइवान के एयरस्पेस में घुसे 10 चीनी लड़ाकू विमान भागने को हुए मजबूर

अपनी हरकतों से पड़ोसी मुल्कों को परेशान करनेवाले चीन को ताइवान ने करारा जवाब दिया है। ताइवान की सीमा में दाखिल 10 लड़ाकू विमानों को वहां की वायुसेना ने भागने पर मजबूर कर दिया।

प्रतीकात्मक तस्वीर- India TV Hindi Image Source : एपी प्रतीकात्मक तस्वीर

China -Taiwan : ड्रैगन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। एक बार फिर उसके  फाइटर विमान ताइवान की एयरस्पेस में दाखिल हुए। लेकिन इस बार पहले से अलर्ट ताइवान के वायुसेना के विमानों ने चीनी विमानों को अपनी सीमा से बाहर खदेड़ दिया। हालांकि दोनों देशों के लड़ाकू विमानों के बीच किसी तरह का टकराव नहीं हुआ। लेकिन इस बार ताइवान ने चीन को उसके ही अंदाज में जवाब दिया और अपने फाइटर जेट्स को भी हवा में उतारकर ड्रैगन को वापस लौटने पर मजबूर कर दिया। चीन के लड़ाकू विमानों कुछ ही देर में वापस लौट आए।

24 विमानों ने ताइवान की ओर भरी थी उड़ान

चीन समुद्र के साथ ही ताइवान के एयरस्पेस में भी लगातार दखल दे रहा है। जापान टाइम्स की खबर के मुताबिक रविवार को चीन के कुल 24 विमानों ने ताइवान की ओर उड़ान भरी जिनमें से 10 विमान ताइवान के एयरस्पेस में दाखिल हो गए।

ताइवान के विमानों ने चीन के विमानों का पीछा किया

लेकिन इस बार ताइवान पहले से कहीं ज्यादा अलर्ट था। उसने अपने लड़ाकू विमानों के एक स्क्वॉड्रन को चीन के फाइटर जेट्स के पीछे लगा दिया। चीन को इस बात अंदाजा नहीं था कि ताइवान इस स्तर का प्रतिरोध करेगा। लिहाजा चीन के लड़ाकू विमान वापस अपनी सीमा में लौट आए। 

अमेरिका युद्धपोत के सामने आया चीनी जहाज

पिछले हफ्ते चीनी नौसेना का एक जहाज अचानक ताइवान के समुद्री इलाके में अमेरिका के एक वारशिप के सामने आ गया था। टक्कर से बचाने के लिए अमेरिका के जहाज को अपनी गति धीमी करनी पड़ी थी। अमेरिकी विध्वंसक पोत यूएसएस चुंग-हून और कनाडाई फ्रिगेट (जंगी जहाज) एचएमसीएस मान्ट्रियल, ताइवान और चीन के मुख्य भूभाग के बीच समुद्री इलाके में एक अभ्यास कर रहे थे। इसी दौरान यह घटना हुई।

ताइवान पर अपना दावा जताता है चीन

बता दें कि चीन ताइवान पर अपना दावा जताता है और उसके कुछ समुद्री इलाके को अपना विशेष आर्थिक क्षेत्र बताता है जबकि अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के जहाज नियमित रूप से इस क्षेत्र से गुजरते हैं तथा उनके विमान उड़ान भरते हैं। उनकी दलील है कि यह अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र है। (इनपुट-एजेंसी)

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