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Hindi News विदेश एशिया China-India: चीन का दावा, बॉर्डर पर भारत के साथ सबकुछ सामान्य, गलवान संघर्ष अब बीती बात, जानिए और क्या कहा?

China-India: चीन का दावा, बॉर्डर पर भारत के साथ सबकुछ सामान्य, गलवान संघर्ष अब बीती बात, जानिए और क्या कहा?

China-India: चीन ने यह दावा तब किया है, जब उसने इस साल 3 बार युनाइटेड नेशन द्वारा बैन किए गए आतंकवादी संगठनों लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद के पाकिस्तान स्थित कमांडरों पर यूएन सैंक्शंस को वीटो लगाकर रोका है।

Chinese Ambassador Sun Weidong- India TV Hindi Image Source : ANI Chinese Ambassador Sun Weidong

Highlights

  • भारत और चीन संबंधों ने नई प्रगति हासिल की: चीनी राजदूत
  • पूर्वी लद्दाख में डिसएंगेजमेंट की प्रक्रिया अधूरी रहने के बावजूद यह बयान चीन की ओर से आया
  • हाल ही में SCO में पीएम नरेंद्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से दूरी बनाकर रखी

China-India: चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आता है। भारत के साथ कई बार सीमा समझौतों के बीच वह उसका पालन नहीं करता है। यही कारण है कि हाल ही में शंघाई सहयोग समिट में पीएम नरेंद्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से दूरी बनाकर रखी। चीन ने बहुत कोशिश की कि वह अपने भारतीय समकक्ष से बात करें। इसी बीच चीन की ओर से एक और बयान आया है। चीन ने दावा किया है कि जून 2020 में गलवान घाटी संघर्ष के बाद बने हालात अब सामान्य हो गए हैं और सीमा पर प्रबंधन व नियंत्रण ​कार्य पहले की तरह होने लगा है। पूर्वी लद्दाख में डिसएंगेजमेंट की प्रक्रिया अधूरी रहने के बावजूद यह बयान चीन की ओर से आया है। 

भारत और चीन संबंधों ने नई प्रगति हासिल की: चीनी राजदूत

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना यानी पीआरसीकी स्थापना की 73वीं वर्षगांठ के अवसर पर बोलते हुए भारत में चीन के राजदूत सुन वीडोंग ने यह भी कहा कि इस वर्ष चीन-भारत संबंधों ने नई उंचाइयां हासिल की है। चीन ने यह दावा तब किया है, जब उसने इस साल 3 बार युनाइटेड नेशन द्वारा बैन किए गए आतंकवादी संगठनों लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद के पाकिस्तान स्थित कमांडरों पर यूएन सैंक्शंस को वीटो लगाकर रोका है। बीजिंग भारत को यह समझाने में असमर्थ रहा है कि वह इन आतंकवादियों को क्यों बचा रहा है।

जानिए शंघाई समिट में क्यों नहीं हुई थी जिनपिंग के साथ पीएम मोदी की बैठक?

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पिछले हफ्ते आतंकवाद के मुद्दे पर यूएनजीए यानी युएन जनरल असेंबली के अपने संबोधन में ‘दोहरे मानदंडों‘ के लिए चीन की खिंचाई भी की थी।

जबकि भारत स्वीकार करता है कि कई घर्षण बिंदुओं पर डिसएंगेजमेंट हुआ है। सरकार यह भी मानती है कि चीन को सीमा पर शेष मुद्दों को भी जल्द से जल्द हल करना चाहिए और संबंधों को सामान्य करने व द्विपक्षीय आदान प्रदान फिर से शुरू करने से पहले डी एस्केलेशन के लिए काम करना चाहिए। यही एक कारण था कि समरकंद में हाल ही में एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच कोई द्विपक्षीय बैठक नहीं हुई थी। 

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