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Hindi News विदेश एशिया हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की बढ़ती साझेदारी देख चीन परेशान, अमेरिका ने भी दे दिया ड्रैगन को जलाने वाला बयान

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की बढ़ती साझेदारी देख चीन परेशान, अमेरिका ने भी दे दिया ड्रैगन को जलाने वाला बयान

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में विभिन्न देशों के साथ भारत की बढ़ती रणनीतिक साझेदारी से चीन चिंता में पड़ गया है। अब तक हिंद प्रशांत क्षेत्र में भारत का सहयोग लेने और देने वाले देशों में अमेरिका से लेकर, आस्ट्रेलिया, जापान, कनाडा, फिलीपींस जैसे महत्वपूर्ण देश सामिल हैं।

शी जिनपिंग (दाएं), चीन के राष्ट्रपति- India TV Hindi Image Source : AP शी जिनपिंग (दाएं), चीन के राष्ट्रपति

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में विभिन्न देशों के साथ भारत की बढ़ती रणनीतिक साझेदारी से चीन चिंता में पड़ गया है। अब तक हिंद प्रशांत क्षेत्र में भारत का सहयोग लेने और देने वाले देशों में अमेरिका से लेकर, आस्ट्रेलिया, जापान, कनाडा, फिलीपींस जैसे महत्वपूर्ण देश सामिल हैं। इस बीच अमेरिका ने स्वतंत्र, मुक्त हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए प्रतिबद्धता जताकर चीन के घावों पर नमक छिड़क दिया है। चीन भारत के बढ़ते दबदबे से खुद के लिए खतरा महसूस कर रहा है।

अमेरिकी वायुसेना (यूएसएएफ) के एक ‘फ्लाइट स्कवाड्रन’ के कमांडिंग अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल बेंडर गिफोर्ड ने कहा है कि अमेरिका स्वतंत्र एवं मुक्त हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए प्रतिबद्ध है। अमेरिकी वायुसेना ने पश्चिम बंगाल में भारतीय वायुसेना के साथ एक संयुक्त अभ्यास में हिस्सा लिया। लेफ्टिनेंट कर्नल ने कहा कि 10 से 24 अप्रैल तक आयोजित कोप इंडिया 2023 दोनों देशों की वायुसेनाओं के बीच सबसे बड़ा संयुक्त वायुसेना अभ्यास था। उन्होंने कहा, ‘‘अभ्यास अच्छा रहा। अमेरिका स्वतंत्र एवं मुक्त हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए प्रतिबद्ध है तथा यह हमारे भारतीय वायुसेना साझेदारों के साथ प्रशिक्षण प्राप्त करने और क्षेत्रीय स्थिरता एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सामूहिक रूप से आगे बढ़ने का एक बड़ा अवसर है।’’

दक्षिण चीन सागर के साथ हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भी चीन चाहता है दबदबा

अभ्यास में जापान एयर डिफेंस फोर्स की पर्यवेक्षक के तौर पर मौजूदगी पर गिफोर्ड ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में ऐसे कई राष्ट्र हैं जो सुरक्षा एवं समृद्धि की आकांक्षा रखते हैं। इस अभ्यास को चीन द्वारा किस रूप में देखा जाएगा, इस पर अमेरिकी वायुसेना के अधिकारी ने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। उल्लेखनीय है कि चीन, दक्षिण चीन सागर पर अपनी संप्रभुता का दावा करता है। यह क्षेत्र हिंद-प्रशांत देश में मुक्त नौवहन को लेकर विवाद के केंद्र में है। जापान के अलावा, दक्षिण पूर्व एशिया में कई देशों का चीन के साथ समुद्री क्षेत्र से जुड़ा विवाद है, जबकि भारत कई सैन्य व नौसेना अभ्यासों में अमेरिका का साझेदार है। भारत का भी चीन के साथ स्थल सीमा विवाद है।

भारत और अमेरिका ने किया जबरदस्त युद्ध अभ्यास

शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में हिस्सा लेने के लिए चीन के नवनियुक्त रक्षा मंत्री जनरल ली शांगफु इस महीने के अंत में भारत का दौरा करने वाले हैं। गिफोर्ड ने कहा कि अमेरिकी वायुसेना ने एफ-15 लड़ाकू विमान और सी130जे तथा सी 17 परिवहन विमान के साथ कोप इंडिया अभ्यास के लिए पहली बार बी1बी बमवर्षक विमानों को लाया। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि यह अब तक हुआ सबसे बड़ा कोप इंडिया अभ्यास था। प्रशिक्षण शानदार रहा और इसने भारतीय वायुसेना के साथ मिलकर काम करने का अवसर मुहैया किया।

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