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चीन की आएगी शामत, रूस के साथ मिलकर श्रीलंका में एअरपोर्ट खरीदेगा भारत, हंबनटोटा पोर्ट के है करीब

भारत और रूस मिलकर हंबनटोटा पोर्ट के करीब एक एयरपोर्ट खरीदने जा रहे हैं। हंबनटोटा पोर्ट को चीन ने लीज पर ले रखा है। इस पोर्ट पर वह अपनी मनमानी करता है। इसकी काट के लिए भारत ने ​इस पोर्ट के पास में ही एक एयरपोर्ट को खरीदने का निर्णय लिया है। इसमें रूस भी साथ देगा।

हंबनटोटा पोर्ट के करीब एयरपोर्ट खरीदेगा भारत।- India TV Hindi Image Source : FILE हंबनटोटा पोर्ट के करीब एयरपोर्ट खरीदेगा भारत।

Sri Lanka: श्रीलंका में चीन के बढ़ते दबदबे को तोड़ने के लिए भारत पूरी तरह से कवायदों में जुटा है। हंबनटोटा जिस पर चीन अपने जहाज तैनात रखता है, उसी से मात्र 18 किलोमीटर दूर भारत और रूस मिलकर एक एअरपोर्ट खरीद रहे हैं। बड़ी बात यह है कि यह एयरपोर्ट चीनकी मदद से बनाया गया है। यह एयरपोर्ट श्रीलंका के मटाला शहर में स्थित है। इसे मटाला राजपक्षे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (MRIA)या हंबनटोटा हवाई अड्डा के नाम से भी जाना जाता है। 

दरअसल, श्रीलंका ने हंबनटोटा बंदरगाह को चीन को 99 साल की लीज पर लिया है। श्रीलंका के कर्ज न चुका पाने कर्ज के बदले 99 साल की लीज पर दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत और रूस हंबनटोटा एयरपोर्ट को खरीदने के लिए एक ज्वाइंट वेंचर बना सकते हैं। इसका एकमात्र कारण हिंद महासागर में चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकना है। श्रीलंकाई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रूस ने श्रीलंका के मटाला राजपक्षे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा को चलाने के लिए निजी कंपनियों को शामिल करते हुए भारत के साथ एक ज्वाइंट वेंचर में शामिल होने की इच्छा जताई है। श्रीलंका में रूसी राजदूत लेवन एस दझागेरियन ने इस हवाई अड्डे को संचालित करने के लिए भारत के साथ एक साझा तौर पर वेंचर बनाने का संकेत दिया है। उ

डील को लेकर क्या है रूस का पक्ष?

रूसी राजदूत ने श्रीलंका आने वाले रूसी पर्यटकों की बढ़ती संख्या का जिक्र करते हुए कहा कि मटाला हवाई अड्डे में उनकी रुचि का एक बड़ा कारण यह भी है। उन्होंने कहा कि दक्षिण एशिया में सबसे ज्यादा रूसी पर्यटक भारत आते हैं और दूसरे पर श्रीलंका का स्थान है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि 2024 में करीब 12 लाख रूसी नागरिक टूरिस्ट वीजा पर श्रीलंका पहुंचेंगे। इस महीने की शुरुआत में श्रीलंका के बंदरगाह और विमानन मंत्रालय के सचिव केडीएस रूवानचंद ने पुष्टि की कि चर्चा के बाद भारत और रूस के बीच एक निजी संयुक्त उद्यम को एमआरआईए का संचालन सौंपने पर एक समझौता हुआ है।

एयरपोर्ट की कमर्शियल एक्टिविटी के लिए भारत ने दिखाई रुचि

इस एयरपोर्ट का सामरिक महत्व है। यह हंबनटोटा के पास स्थित है। मटाला राजपक्षे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा को 2013 में तत्कालीन राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने खोला था। यात्रियों की कम संख्या के कारण 2018 तक लगभग सभी एयरलाइनों ने मटाला राजपक्षे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को छोड़ दिया। इसके बाद यह एयरपोर्ट घाटे में चला गया। इस कारण श्रीलंका ने इस एयरपोर्ट से कॉमर्शियल एक्टिविटी में रूचि रखने वाली कंपनियों से बोलियां आमंत्रित की, जिसका जवाब सिर्फ भारत ने दिया।

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