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भारतीय उपमहाद्वीप में चल रहा चुनावी मौसम, अब श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव की शुरू हुई तैयारी

श्रीलंका में भी चुनावी तैयारियां शुरू हो गई हैं। प्रेसिडेंट विक्रमसिंघे ने राष्ट्रपति चुनाव कराने के निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके साथ ही चुनावी तैयारियां शुरू हो गई है।

 श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव की शुरू हुई तैयारी- India TV Hindi Image Source : FILE श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव की शुरू हुई तैयारी

Sri Lanka: भारत में चुनाव आ गए हैं। बड़े स्तर पर चुनावी तैयारियां चल रही हैं। विभिन्न पार्टियां चुनाव प्रचार के लिए कमर कस चुकी है। प्रचार शुरू हो गया है। वहीं पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी हाल ही में चुनाव संपन्न हुए। शहबाज सरकार ने शपथ ली। वहीं आसिफ अली जरदारी राष्ट्रपति बन गए। अब श्रीलंका में राष्ट्रपति पद के लिए चुनावी तैयारियां शुरू हो गई हैं। राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने मंत्रिमंडल को राष्ट्रपति चुनाव की तैयारी करने के निर्देश दिए हैं। 

मिली जानकारी के अनुसार श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने अपने मंत्रिमंडल को इस साल के अंत में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव की तैयारी करने का निर्देश दिया है। यह निर्देश ऐसे समय दिया गया है, जब नकदी संकट से जूझ रहा देश अपने सबसे खराब आर्थिक संकट से उबरने की कोशिश कर रहा है। अगले राष्ट्रपति चुनाव की घोषणा निर्वाचन आयोग को सितंबर तक करनी है और नवंबर के मध्य तक मतदान संपन्न कराना है। संसद का कार्यकाल अगस्त 2025 में पूरा होगा, लेकिन राष्ट्रपति विक्रमसिंघे के पास अगस्त 2020 में निर्वाचित 225 सदस्यीय असेंबली को भंग करके चुनाव किसी भी समय आयोजित करने की शक्ति है। 

मंत्रीमंडल की बैठक के बाद विक्रमसिंघे ने की घोषणा

समाचार पोर्टल ‘डेली मिरर’ ने सूत्रों के हवाले से मंगलवार को बताया कि अटकलों को समाप्त करते हुए विक्रमसिंघे ने सोमवार को मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान घोषणा की कि पहले प्रेसिडेंट इलेक्शन होगा और चुनाव के लिए तैयारी करने का निर्देश दिया। 74 वर्षीय विक्रमसिंघे ने संविधान का हवाला देते हुए कहा कि पहले राष्ट्रपति चुनाव होना चाहिए और उसके अनुसार व्यवस्था की जाएगी। 

आर्थिक संकट से जूझ रहा श्रीलंका

श्रीलंका के 2022 में गंभीर आर्थिक संकट में फंसने के बाद यह पहला चुनाव होगा। आर्थिक रूप से संकटग्रस्त देश, खाद्य पदार्थ और ईंधन जैसी आवश्यक वस्तुओं की भारी कमी से जूझ रहा है और इसे दिवालिया घोषित किया जा सकता है। दिवालिया घोषित होने के बाद देश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुआ। इसकी वजह से तत्कालीन राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को देश छोड़कर भागना पड़ा और अंतत: अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। गोटबाया के 2022 में राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद विक्रमसिंघे को संसद में मतदान के माध्यम से इस पद पर चुना गया। वह गोटबाया राजपक्षे के शेष कार्यकाल को पूरा करेंगे, जो इस साल नवंबर में समाप्त होगा।

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