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भारत ने की श्रीलंका की मदद तो घबरा गया चीन, अब उठा सकता है यह बड़ा कदम

जयशंकर का श्रीलंका जाना चीन को बेचैन कर गया, और अब तक मदद के नाम पर आंखें चुराने वाला ड्रैगन बड़ा खेल करने की फिराक में है।

विदेश मंत्री जयशंकर...- India TV Hindi Image Source : AP विदेश मंत्री जयशंकर के साथ श्रीलंका के राष्ट्रपति रनिल विक्रमसिंघे।

पिछले कुछ महीने श्रीलंका के लिए किसी बुरे सपने जैसे रहे हैं। एक समय टूरिज्म का बड़ा सेंटर रहे इस देश की अर्थव्यवस्था सरकार की उलजलूल नीतियों और कोविड की वजह से बर्बाद हो गई। श्रीलंका की बर्बादी में चीन का भी बड़ा हाथ रहा, और जब यह देश मुश्किल में फंसा तो ड्रैगन ने किनारा कर लिया। ऐसे में भारत अपने इस पड़ोसी देश की मदद के लिए आगे आया, और अब हालात धीरे-धीरे ठीक हो रहे हैं। हाल ही में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने श्रीलंका का दौरा किया था जिसकी वजह से इस देश को बड़ी राहत महसूस हुई होगी।

IMF से कर्ज मिलने का रास्ता हुआ साफ
दरअसल, जयशंकर के दौरे के बाद श्रीलंका को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी कि IMF से कर्ज मिलने का रास्ता साफ हो गया। यह कर्ज देश की अर्थव्यवस्था को जिंदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है। हालांकि जयशंकर का श्रीलंका जाना चीन को बेचैन कर गया, और अब तक मदद के नाम पर आंखें चुराने वाला ड्रैगन बड़ा खेल करने की फिराक में है। चीन को डर है कि अगर श्रीलंका आने वादे दिनों में भारत के करीब आ गया तो इस देश में की गई उसकी सारी इन्वेस्टमेंट बेकार हो जाएगी।

भारत और चीन के लिए क्यों खास है श्रीलंका?
हिंद महासागर में श्रीलंका की स्थिति उसे भारत और चीन दोनों के लिए रणनीतिक तौर पर बेहद खास बनाती है। ऐसे में जब भारत ने श्रीलंका को यह भरोसा दिलाया कि वह 2.9 अरब डॉलर वाले बेलआउट पैकेज को IMF से हासिल करने में उसकी मदद करेगा, तो चीन को बड़ा झटका लगा। इसके बाद उसने भी श्रीलंका को बेलआउट पैकेज हासिल करने में मदद करने का भरोसा दिलाया है। हालांकि ड्रैगन ने अभी तक इस बारे में कोई आधिकारिक ऐलान नहीं किया है, लेकिन एक तरह से यह तय माना जा रहा है कि वह यह कदम जरूर उठाएगा।

श्रीलंका ने भी की है भारत की तारीफ
इससे पहले श्रीलंका ने चीन से कई बार मदद की गुहार लगाई थी, लेकिन कुछ भी हासिल नहीं हुआ। श्रीलंका के विदेश मंत्रालय के मुताबिक, भारत वह देश है जो न सिर्फ उसकी मदद के लिए आगे आया, बल्कि उसे सबसे पहले अंतरराष्ट्रीय सहायता दिलवाने का भी वादा किया। चीन ने इससे पहले भी श्रीलंका की मदद की बात कही थी, लेकिन बाद में कन्नी काटने लगा था। भारत द्वारा हालिया कदम उठाए जाने के बाद ड्रैगन एक बार फिर ऐक्टिव हो गया है। अब चीन की नई चाल का क्या असर होता है, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

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