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Hindi News विदेश एशिया Iraq: इराक में शिया धर्मगुरु के राजनीति से हटने के ऐलान के बाद बिगड़े हालात, झड़प में 3 प्रदर्शनकारियों की मौत

Iraq: इराक में शिया धर्मगुरु के राजनीति से हटने के ऐलान के बाद बिगड़े हालात, झड़प में 3 प्रदर्शनकारियों की मौत

Iraq: इराक की सरकार में गतिरोध तब से आया है जब धर्मगुरु मुक्तदा अल-सद्र की पार्टी ने अक्टूबर के संसदीय चुनावों में सबसे अधिक सीटें जीती थीं, लेकिन वह बहुमत तक नहीं पहुंच पाए थे।

Iraqi security forces fire tear gas on followers of Shiite cleric Muqtada al-Sadr protesting inside - India TV Hindi Image Source : AP Iraqi security forces fire tear gas on followers of Shiite cleric Muqtada al-Sadr protesting inside the government palace grounds in Baghdad Iraq

Highlights

  • समर्थकों और सुरक्षा बलों के बीच हुई हिंसक झड़प
  • पुलिस की ओर से की गई गोलीबारी में कई घायल
  • प्रदर्शनकारियों ने महल के फाटकों को तोड़ दिया

Iraq: इराक के एक प्रभावशाली शिया धर्मगुरु मुक्तदा अल-सद्र ने सोमवार को राजनीति से हटने की घोषणा की। इसकी प्रतिक्रिया में उनके नाराज सैकड़ों समर्थक सरकारी महल पहुंच गए। इस दौरान अल-सद्र के समर्थकों और सुरक्षा बलों के बीच हिंसक झड़प हुई, जिसमें कम से कम तीन प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई। चिकित्सा अधिकारियों ने कहा कि शिया धर्मगुरु की घोषणा के बाद विरोध प्रदर्शनों के दौरान दंगा रोधी पुलिस की ओर से की गई गोलीबारी में कम से कम 15 प्रदर्शनकारियों घायल हो गए। 

'आंसू गैस के गोले छोड़े गए, 12 से ज्यादा लोग घायल'

उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मियों ने इस दौरान आंसू गैस के गोले छोड़े जिसमें और 12 से अधिक घायल हो गए। इराक की सेना ने बढ़ते तनाव को शांत करने और झड़पों की आशंका को दूर करने के उद्देश्य से सोमवार को शहर भर में कर्फ्यू की घोषणा कर दी। एक बयान के अनुसार, सेना ने धर्मगुरु के समर्थकों से भारी सुरक्षा वाले सरकारी क्षेत्र से तुरंत हटने और संघर्ष या इराकी खून बहने से रोकने के लिए आत्म-संयम का पालन करने का आह्वान किया। इससे यह आशंका उत्पन्न हो गई कि इराक में हिंसा भड़क सकती है, जो पहले से ही राजनीतिक संकट का सामना कर रहा है। 

शिया प्रतिद्वंद्वियों के साथ बातचीत करने से किया था इनकार 

इराक की सरकार में गतिरोध तब से आया है जब धर्मगुरु मुक्तदा अल-सद्र की पार्टी ने अक्टूबर के संसदीय चुनावों में सबसे अधिक सीटें जीती थीं, लेकिन वह बहुमत तक नहीं पहुंच पाए थे। उन्होंने आम सहमति वाली सरकार बनाने के लिए ईरान समर्थित शिया प्रतिद्वंद्वियों के साथ बातचीत करने से इनकार कर दिया था। अल-सद्र के समर्थक जुलाई में प्रतिद्वंद्वियों को सरकार बनाने से रोकने के लिए संसद में घुस गए और चार सप्ताह से अधिक समय से धरने पर बैठे हैं। उनके गुट ने संसद से इस्तीफा भी दे दिया है। 

Image Source : APIraqi security forces fire tear gas on followers of Shiite cleric Muqtada al-Sadr protesting inside the government palace grounds in Baghdad Iraq

अल-सद्र इससे पहले भी संन्यास लेने की घोषणा कर चुके हैं

यह पहली बार नहीं है जब अल-सद्र ने संन्यास की घोषणा की है। वह इससे पहले भी ऐसी घोषणा कर चुके हैं। कई लोगों ने अल-सदर के इस कदम को वर्तमान गतिरोध के बीच प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ बढ़त हासिल करने का एक और प्रयास करार दिया। हालांकि, कुछ ने यह आशंका जताई है कि इस बार के उनके कदम से देश की स्थिति और बिगड़ सकती है, जो पहले से ही खराब है। सोमवार को सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने रिपब्लिकन पैलेस के बाहर सीमेंट के बैरियर को रस्सियों से नीचे गिराया और महल के फाटकों को तोड़ दिया। उनमें से कई महल के सभागार में पहुंच गए। एसोसिएटेड प्रेस के एक फोटोग्राफर ने गोलियां चलने की आवाज सुनी और कई प्रदर्शनकारियों को ले जाते देखा जो खून से लथपथ थे। 

गोलीबारी में तीन प्रदर्शनकारियों के मारे जाने की पुष्टि

एक वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी ने गोलीबारी में कम से कम तीन प्रदर्शनकारियों के मारे जाने की पुष्टि की। धर्मगुरु अल-सदर ने एक ट्वीट में राजनीति से हटने की घोषणा की और अपने पार्टी कार्यालयों को बंद करने का आदेश दिया। धार्मिक और सांस्कृतिक संस्थान खुले रहेंगे। इराक के कार्यवाहक प्रधानमंत्री मुस्तफा अल-कदीमी ने मांग की कि अल-सदर अपने समर्थकों से सरकारी संस्थानों से हटने का आह्वान करे। उन्होंने कैबिनेट की बैठकें स्थगित करने की भी घोषणा की।

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