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कंगाल पाकिस्तान से भेजे गए JF-17 फाइटर जेट निकले कबाड़, पाक से नाराज हुआ म्यांमार

कंगाल पाकिस्तान ने जो JF-17 फाइटर जेट म्यांमार को भेजे थे, वे कबाड़ निकले। इस वजह से म्यांमार पाकिस्तान से बुरी तरह नाराज हो गया है। इस गड़बड़ी पर पाकिस्तान से म्यांमार ने कड़ा ऐतराज जताया है। जानिए क्या है पूरा मामला?

कंगाल पाकिस्तान से भेजे गए JF-17 फाइटर जेट निकले कबाड़, पाक से नाराज हुआ म्यांमार - India TV Hindi Image Source : FILE कंगाल पाकिस्तान से भेजे गए JF-17 फाइटर जेट निकले कबाड़, पाक से नाराज हुआ म्यांमार

Pakistan-Myanmar: पाकिस्तान कंगाली की हालत से गुजर रहा है। पाकिस्तान के सैन्य हथियार भी इस कारण अपडेट नहीं है। कई सैन्य हथियारों को जंग लग चुका है। ऐसे में पाकिस्तान ने म्यांमार को जो फाइटर जेट भेजे हैं, वे भी कबाड़ निकले। इससे म्यांमार पाकिस्तान से काफी नाराज हो गया है। 2016 में पाकिस्तान और म्यांमार में हुए जेट खरीदी समझौते में पाकिस्तान ने खराब लड़ाकू विमानों की आपूर्ति म्यांमार की सेना को कर दी। पाकिस्तान द्वारा म्यांमार को दिए गए लड़ाकू विमान, जेएफ-17 थंडर को अयोग्य घोषित कर दिया गया है। सैन्य शासन ने इस गड़बड़ी के लिए जवाब देने के लिए इस्लामाबाद को एक ‘सख्त संदेश’ भी भेजा है।

फाइटर जेट की वजह से पाक और म्यांमार के रिश्तों में आया तनाव

पाकिस्तान ने इन विमानों की आपूर्ति 2019 और 2021 के बीच की। इन सभी को संचालन के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया है। डिलीवरी के तुरंत बाद इनमें खराबी के चलते पाक म्यांमार के रिश्तों में तनाव आ गया है। म्यांमार के नरिंजरा न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, जेएफ-17 की खराबी के बाद जो भी देश पाकिस्तान से ये विमान खरीदना चाहता था उसने कदम पीछे खींच लिए हैं। खासकर लैटिन अमेरिकी देशों को इसी तरह के विमान बेचने के पाकिस्तान की कोशिशों को करारा झटका लगा है। म्यांमार सैन्य शासन ने पाकिस्तान से विमान खरीदने पर नई चर्चा में शामिल होने से इनकार कर दिया है। 

कंगाली का असर पाकिस्तान की आर्मी पर भी पड़ा

गौरतलब है कि पाकिस्तान में इन दिनों उथल पुथल मची हुई है। यही नहीं, पाकिस्तान में कंगाली की हालत का असर भी पाकिस्तान की सेना पर पड़ रहा है। कई सैन्य उपकरण चाहे वो थल सेना के हों, या नेवी के या वायुसेना के, वे सभी बेकार अवस्था में हैं। पुराने हथियारों में जंग लग चुका है। पाकिस्तान ने अपना रक्षा बजट जरूर कम नहीं किया है, लेकिन अपनी सेना के तीनों अंगों को नए नए ​हथियारों से अपडेट रखना उसके लिए टेढ़ी खीर से कम नहीं है।

क्या चीन कराएगा दोनों देशों में सुलह?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ऐसा लग रहा है कि जेएफ-17 की विफलता से इस्लामाबाद और नेपीडॉ के बीच तनाव बढ़ गया है। इसके बाद इस सौदे में शामिल चीन को हस्तक्षेप करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। म्यांमार के स्थानीय समाचार एजेंसी नरिंजरा न्यूज के अनुसार, म्यांमार के चीनी दूत की हालिया नेपीडॉ की यात्रा में सीसीपी के शीर्ष नेतृत्व से जनरल मिन आंग ह्लाइंग को एक संदेश दिया गया है।

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