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Hindi News विदेश एशिया Myanmar: म्यांमार में तानाशाही बरकार, सू ची को भ्रष्टाचार के दो और मामलों में दोषी ठहराया गया, जेल में बिताने होंगे 26 साल

Myanmar: म्यांमार में तानाशाही बरकार, सू ची को भ्रष्टाचार के दो और मामलों में दोषी ठहराया गया, जेल में बिताने होंगे 26 साल

Myanmar Aung San Suu Kyi: म्यामांर में बीते साल फरवरी महीने में सेना ने तख्तापलट कर सरकार को गिरा दिया था। उसके बाद सू ची पर तमाम तरह के आरोप लगाकर उन्हें जेल में डाल दिया गया।

Myanmar-Aung San Suu Kyi- India TV Hindi Image Source : AP Myanmar-Aung San Suu Kyi

Highlights

  • सू ची को दो और मामलों में दोषी ठहराया गया
  • भ्रष्टाचार से जुड़े हैं दोनों ही मामले
  • जेल में सू ची को बिताने होंगे 26 साल

Myanmar Aung San Suu Kyi: सैन्य शासित म्यांमार की एक अदालत ने अपदस्थ नेता आंग सान सू ची को भ्रष्टाचार के दो और मामलों में दोषी ठहराया है। इन दोनों मामलों में उन्हें क्रमश: दो और तीन साल की सजा सुनाई गई है, जिससे अब उन्हें जेल में कुल 26 साल बिताने होंगे। गौरतलब है कि एक फरवरी 2021 को म्यांमा की सेना ने देश की बागडोर अपने हाथों में ले ली थी और सू ची (77) तथा म्यांमा के कई बड़े नेताओं को हिरासत में ले लिया था।

सू ची पर आरोप था कि उन्होंने कई साल पहले मादक पदार्थों की तस्करी के लिए दोषी ठहराए गए माउंग वीक से 5,50,000 डॉलर रिश्वत ली थी। हालांकि, उन्होंने इस मामले में अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोपों को खारिज किया है। सू ची को अवैध रूप से वॉकी-टॉकी आयात करने व रखने, कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू प्रतिबंधों का उल्लंघन करने, राजद्रोह और भ्रष्टाचार के कई मामलों में पहले ही 23 साल की सजा सुनाई जा चुकी है। दोनों नए मामलों में सुनाई गई सजा साथ-साथ चलेगी। ऐसे में सू ची को अब कुल 26 साल जेल में बिताने होंगे।

समर्थकों व स्वतंत्र विश्लेषकों का कहना है कि सभी आरोप राजनीति से प्रेरित हैं और सू ची को अगले चुनाव में हिस्सा लेने से रोकने के लिए बदनाम करने व सेना के अवैध रूप से सत्ता पर काबिज होने को सही ठहराने के लिए ऐसा किया जा रहा है। सू ची को लगातार अलग-अलग मामलों दोषी ठहराए जाने से उनकी ‘नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी’ का अस्तित्व भी खतरे में आ गया है। सेना ने देश में 2023 में नए सिरे से चुनाव कराने की घोषणा की है।

सू ची की पार्टी ने पिछले आम चुनाव में भारी जीत हासिल की थी, लेकिन सेना का कहना है कि चुनाव में व्यापक पैमाने पर धांधली हुई थी।

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