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Hindi News विदेश एशिया नेपाल: 70 साल, 90 से ज्यादा हवाई दुर्घटना और 800 से अधिक मौत, जिम्मेदारी कौन लेगा?

नेपाल: 70 साल, 90 से ज्यादा हवाई दुर्घटना और 800 से अधिक मौत, जिम्मेदारी कौन लेगा?

नेपाल में बीते 70 सालों में 96 हवाई दुर्घटना हुई हैं, जिसमें साल 1946 से अब तक 800 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। जब भी कोई हादसा होता है तो ये कहा जाता है कि ऐसा टेक्निकल समस्या की वजह से हुआ लेकिन इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?

Nepal Plane Crash - India TV Hindi Image Source : AP/PTI नेपाल के पोखरा में हादसा

काठमांडू: नेपाल के पोखरा में यति एयरलाइंस का एटीआर-72 विमान क्रैश होने से हड़कंप मच गया है। इस हादसे में 68 शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि विमान में 68 ही यात्री सवार थे। इस हादसे के बाद नेपाल सरकार अलर्ट मोड में आ गई है और उसने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है। लेकिन ये पहली बार नहीं है जब नेपाल में कोई प्लेन क्रैश हुआ हो, इससे पहले भी यहां इस तरह की कई घटनाएं हो चुकी हैं। 

70 सालों में 96 हवाई दुर्घटना

एक रिपोर्ट के मुताबिक, बीते 70 सालों में नेपाल में 96 हवाई दुर्घटना हुई हैं और इनमें से 95 फीसदी मामलों में ये नहीं बताया गया कि दुर्घटना की वजह क्या थी। बस इतना कहा गया कि टेक्निकल समस्या की वजह से हवाई दुर्घटना हुई। ये बात चौंकाने वाली जरूर है लेकिन सच भी है क्योंकि आंकड़े बताते हैं कि साल 1946 से अब तक नेपाल में हुए विमान हादसों में 800 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।

बीते साल भी हो चुका है हादसा

मई 2022 में भी नेपाल में विमान हादसा हुआ था। इस हादसे में तारा एयर के विमान का मलबा पहाड़ी पर पाया गया था। इस हादसे में विमान में सवार करीब 25 लोगों की मौत की खबर मिली थी। हादसे की वजह का सटीक पता इस बार भी नहीं मिला था। वहीं नेपाल से पहले हवाई हादसे की खबर 7 मई 1946 को सामने आई थी। इसमें ब्रिटेन के रॉयल फोर्स का विमान हादसे का शिकार हुआ था और इसमें 14 सैनिकों की मौत हो गई थी। 

नेपाल में सबसे भीषण हादसे में मरे थे 160 से ज्यादा लोग 

साल 1992 में भी नेपाल में भीषण विमान हादसा हुआ था। पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस की फ्लाइट-268 काठमांडू के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास हादसे का शिकार हो गई थी। इस हादसे में 167 लोगों की मौत हो गई थी। 

ऐसे में सवाल ये उठता है कि हर बार नेपाल में जब विमान हादसा होता है तो कहा जाता है कि टेक्निकल समस्या की वजह से ऐसा हुआ। लेकिन खुलकर क्यों ये नहीं बताया जाता कि इसमें किसकी लापरवाही थी और इसके जिम्मेदारों को क्या सजा दी गई?

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