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अफगानियों को अपने देश से निकालने की कोई कसर नहीं छोड़ रहा पाकिस्तान, उठाया ऐसा कदम

पाकिस्तान अपने देश से अफगानियों को निकालने के लिए पूरी तरह से जुटा हुआ है। 31 अक्टूबर की तय मियाद के बाद भी कई अफगान शरणार्थी पाकिस्तान नहीं जा सके हैं। इसके लिए अब पाकिस्तान ने नया कदम उठाया है।

अफगान शरणार्थी।- India TV Hindi Image Source : AP FILE अफगान शरणार्थी।

Pakistan News: पाकिस्तान में अफगानी शरणार्थियों को वापस अफगानिस्तान भेजने के लिए पाकिस्तान कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। पाकिस्तान इन अफगानियों को अवैध बताकर इन्हें अपने देश से निकाल रहा है। इस काम में और तेजी लाने के लिए पाकिस्तान ने एक और कदम उठाया है। पाकिस्तान ने 13 नवंबर को अपनी तीन बॉर्डर खोल दीं। इसके बाद देश से बाहर जाने के लिए उपयोग किए जाने वाले तीन रास्ते और खुल गए। इसके साथ ही अफगानियों के पाकिस्तान से बाहर निकलने की कुल सीमाओं की संख्या 5 हो गई है। इस बात की जानकारी कार्यवाहक प्रांतीय सूचना मंत्री जान अचकजई ने दी। इससे पहले अफगानी नागरिक तोरखम और चमन इलाके से सीमा पार कर पाकिस्तान छोड़ रहे थे।

बलूचिस्तान प्रांत में खोली गईं नई सीमाएं

कार्यवाहक प्रांतीय सूचना मंत्री के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत में तीन नई सीमाएं खोल दी गई हैं। ताकि अफगानी नागिरक देश से बाहर जाने के लिए इन सीमाओं का इस्तेमाल कर सकें और जल्द से जल्द पाकिस्तान से बाहर जा सकें। हाल के दिनों में करीब तीन लाख अफगानी नागरिकों ने पाकिस्तान छोड़ दिया है। बताया जा रहा है कि हर दिन करीब 15 हजार अफगानी सीमा पार कर रहे हैं।

31 अक्टूबर तक थी पाकिस्तान छोड़ने की मियाद

पाकिस्तान सरकार ने अवैध रूप से रह रहे नागरिकों के लिए देश छोड़ने को लेकर 31 अक्टूबर तक की समय सीमा तय की थी। इसी के चलते अब सरकार अवैध नागरिकों के खिलाफ सख्ती बरतते हुए उनकी गिरफ्तारी कर रही है। कार्यवाहक प्रांतीय सूचना मंत्री जान अचकजई ने बताया कि पुलिस ने अब तक करीब 15 हजार के ज्यादा अफगानी नागरिकों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास वैध दस्तावेज नहीं थे।

मुश्किल में अफगानी नागरिक

उधर पाकिस्तान की सीमा पार करते ही अफगानी नागरिकों के सामने मुश्किलों का पहाड़ टूट पड़ा है। इनके पास खाने-पीने जैसी जरूरी चीजें भी नहीं हैं। बेहद कठिनाइयों का सामना इन अफगानियों को करना पड़ रहा है। सीमा पर इनके लिए बनाए गए शिविरों में न ही लाइट है, न ही खाने पीने की कोई सुविधा।

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