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Hindi News विदेश एशिया इमरान खान के "नहले" पर पीएम शहबाज ने मारा "दहला"... और ब्रह्मफांस में फंस गए पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री

इमरान खान के "नहले" पर पीएम शहबाज ने मारा "दहला"... और ब्रह्मफांस में फंस गए पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इमरान खान को ब्रह्मफांस में फंसा दिया है। इमरान की पार्टी पीटीआइ के ज्यादातर नेता इस्तीफा देकर इमरान खान का साथ छोड़ चुके हैं। ऐसे में इमरान की मुश्किल बढ़ गई है।

इमरान खान, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री- India TV Hindi Image Source : PTI इमरान खान, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का दांव अब उन पर उल्टा पड़ने लगा है। अब प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने उन्हें ब्रह्मफांस में फंसा दिया है। अब इमरान की पार्टी पीटीआइ की मान्यता रद्द होने का खतरा भी बढ़ गया है। इमरान की पार्टी के ज्यादातर वरिष्ठ नेता पार्टी छोड़कर जा चुके हैं। ऐसे में इमरान अकेले पड़ते जा रहे हैं। उनकी पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं और हजारों समर्थकों पर शहबाज शरीफ की सरकार ने सैन्य अदालत में मुकदमा चलाने की मंजूरी देकर उनकी मुश्किलों को और बढ़ा दिया है। अब इमरान स्वयं दबाव में हैं। जबकि पहले वह शहबाज पर चुनाव कराने का दबाव बना रहे थे।

देश में 9 मई को हुई हिंसा के बाद बड़े पैमाने पर गिरफ्तारी, अदालती केस, आतंकवाद निरोधक कानूनों के तहत कार्रवाई और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पर पूर्ण प्रतिबंध की बात करके पाकिस्तान सरकार अपने पुराने दुश्मन इमरान खान को अक्टूबर में प्रस्तावित चुनाव जीतने से रोकने की रणनीति में सफल होती दिख रही है। वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक अदनान शौकत ने कहा, यदि आप देखें कि इमरान खान के लिए चीजें कैसे बद से बदतर और फिर बिल्कुल समाप्त हो गई हैं, तो यह संकेत मिलता है कि न केवल इमरान खान से उनकी राजनीतिक प्रासंगिकता छीनकर उन्हें अलग-थलग किया जा रहा है, बल्कि राजनीतिक शक्ति के मामले में भी उन्हें अकेला किया जा रहा है - उनकी पार्टी के लगभग सभी नेताओं ने पार्टी छोड़ने और इमरान खान से अलग होने की घोषणा कर दी है।

अकेले पड़े इमरान, आंदोलन बेजान

विश्लेषक ने कहा, पाकिस्तान में सत्ता की राजनीति का राजनीतिक दृष्टिकोण बदला जा रहा है। पीटीआई तेजी से उन निर्वाचित पार्टी सदस्यों को खो रही है, जिनके पास मजबूत वोट बैंक था और जो पहले पीटीआई के टिकट पर चुनाव जीते थे। जहांगीर तारेन के तहत एक अन्य समूह का एक नया गठन भी प्रक्रिया में है। जैसा कि इमरान खान की पार्टी के लगभग सभी सदस्य अब तरीन समूह का रुख कर रहे हैं। इमरान खान की राजनीति पंजाब प्रांत पर नियंत्रण करने पर केंद्रित थी। हालांकि, अब इसकी संभावना बहुत कम लगती है, क्योंकि वह पार्टी में अकेले रह गए हैं। अन्य सभी ने, जो पंजाब में उनके लिए चुनाव जीत सकते थे, उन्हें छोड़ दिया है।

सेना से पंगा पड़ा भारी

खान की सेना-विरोधी कहानी और नए सेना प्रमुख तथा अन्य वरिष्ठ सेवारत खुफिया अधिकारियों पर आरोप लगाकर उन्होंने अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार ली। इसने उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों और सैन्य प्रतिष्ठान को न केवल उन्हें और उनकी पार्टी को बांध सकने की अनुमति दी, बल्कि उन्हें देश की राजनीति से हटाने में भी वे सफल रहे। शौकत ने कहा, इमरान खान कभी भी नए सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के पक्ष में नहीं थे। उन्होंने ही 'हद पार करने' के लिए उन्हें आईएसआई के डायरेक्टर जेनरल के पद से हटाया था। जनरल मुनीर ने खान के प्रधानमंत्री रहते उन्हें सूचित किया था कि उनकी पत्नी और परिवार पंजाब में भ्रष्ट गतिविधियों में शामिल हैं।

लाहौर से रावलपिंडी तक इमरान खान का लंबा मार्च सैन्य प्रतिष्ठान पर जनरल असीम मुनीर को सेना प्रमुख के रूप में नियुक्त नहीं करने के लिए दबाव बनाने के लिए था। लेकिन अब, चूंकि जनरल असीम मुनीर सेना प्रमुख हैं, उन्होंने यह सुनिश्चित किया है कि इमरान खान के लिए सभी दरवाजे और खिड़कियां बंद कर दिए जाएं।

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