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Hindi News विदेश एशिया Russia and China joint exercise: रूस और चीन ने फिर की हरकत, PM मोदी और बाइडेन की मीटिंग के दौरान उड़ाए फाइटर जेट्स

Russia and China joint exercise: रूस और चीन ने फिर की हरकत, PM मोदी और बाइडेन की मीटिंग के दौरान उड़ाए फाइटर जेट्स

रूस और चीन के फाइटर जेट जापान सागर, पूर्वी चीन सागर और पश्चिम प्रशांत महासागर के ऊपर से गुजरे। इस दौरान इन विमानों को आंख दिखाने के लिए दक्षिण कोरिया ने भी अपने फाइटर जेट भेज दिए।   

Chinese President Xi Jinping and Russian President Vladimir Putin- India TV Hindi Image Source : AP Chinese President Xi Jinping and Russian President Vladimir Putin  

Highlights

  • जापान में क्वाड मीटिंग के दौरान रूस-चीन ने की हरकत
  • यूक्रेन से छिड़े युद्ध के बाद रूस और चीन ने पहली बार ज्वाइंट यु्द्धाभ्यास किया
  • मीटिंग के दौरान ही रूस और चीन ने दौड़ाए फाइटर जेट

Russia and China joint exercise: यूक्रेन से युद्ध की वजह से रूस दुनियाभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। वहीं चीन (China) भी अपनी विस्तारवादी नीति की वजह से चर्चा में है। इस बीच इन दोनों देशों को लेकर एक नई खबर सामने आई है। यूक्रेन से छिड़े युद्ध के बाद रूस और चीन ने पहली बार ज्वाइंट युद्धाभ्यास किया है। 

ये युद्धाभ्यास उस वक्त चल रहा था जब भारत के पीएम नरेंद्र मोदी जापान में बाइडन, ऑस्ट्रेलियाई पीएम और जापानी समकक्ष के साथ मीटिंग कर रहे थे। इस मीटिंग के दौरान ही रूस (Russia) और चीन के फाइटर जेट, जापान के करीब से होकर गुजरे। 

जापान सागर समेत इन जगहों से होकर गुजरे फाइटर जेट

रूस और चीन के फाइटर जेट जापान सागर, पूर्वी चीन सागर और पश्चिम प्रशांत महासागर के ऊपर से गुजरे। इस दौरान इन विमानों को आंख दिखाने के लिए दक्षिण कोरिया ने भी अपने फाइटर जेट भेज दिए। 

क्वाड समिट के दौरान रूस और चीन की ये हरकत वहां मौजूद सभी लोगों को हैरान कर गई और जापान के रक्षा मंत्री नोबूओ किशी का इस पर बयान भी सामने आया। किशी ने कहा कि ये जेट पीएम मोदी, बाइडन, एंथनी अल्‍बनीज और किशिदा को डराने के लिए आए थे क्योंकि क्वाड की बैठक चीन पर नकेल कसने के लिए की जा रही थी। 

जापान ने भी भेजा अपना फाइटर जेट

जब रूस और चीन के फाइटर जेट इलाके में घूम रहे थे, तो जापान ने भी अपने फाइटर जेट को मौके पर भेज दिया। हालांकि इस दौरान किसी तरह की लड़ाई तो नहीं हुई लेकिन माहौल जरूर तनावपूर्ण हो गया। रूस के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, ये ज्वाइंट युद्धाभ्यास करीब 13 घंटे तक चला। 

 

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