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Hindi News विदेश एशिया फिलीपींस में आग उगलते ज्वालामुखी को देख मची भगदड़, 15 हजार लोगों ने छोड़ दिया घर

फिलीपींस में आग उगलते ज्वालामुखी को देख मची भगदड़, 15 हजार लोगों ने छोड़ दिया घर

फिलीपींस के सैंटो डोमिंगो में मायोन ज्वालामुखी अचानक लावा राख उगलने लगा है। ज्वालामुखी का उग्र रूप देखकर स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई है। अब तक 15 हजार से भी अधिक लोग घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर गए हैं।

फिलीपींस में ज्वालामुखी विस्फोट का दृश्य- India TV Hindi Image Source : FILE फिलीपींस में ज्वालामुखी विस्फोट का दृश्य

फिलीपींस के सैंटो डोमिंगो में एक ज्वालामुखी अचानक आग उगलने लगा है। ज्वालामुखी से निकलते लावा और राख को देखकर स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई है। लिहाजा मौके से लोगों ने अपना घर छोड़कर पलायन शुरू कर दिया है। अब तक 15 हजार लोग अपना घर-बार छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर जा चुके हैं। फिलीपींस में मायोन ज्वालामुखी से राख और लावा गिरने के भयावह दृश्यों के बीच, निकटवर्ती क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीण मंगलवार को ट्रकों में बैठकर अपने अपने घरों को छोड़, अन्यत्र चले गए।

पिछले सप्ताह ज्वालामुखी में हलचल देखने के बाद उत्तर पूर्वी अलबे प्रांत में स्थित मायोन ज्वालामुखी के क्रेटर के छह किलोमीटर के दायरे में रह रहे करीब 15,000 लोगों को इलाका छोड़ना पड़ा जो मुख्यत: गरीब खेतीहर समुदाय से हैं। अलबे के गवर्नर ने सोमवार को यह दायरा एक किलोमीटर और बढ़ा दिया और क्षेत्र के हजारों निवासियों को किसी भी समय वह जगह छोड़ने के लिए तैयार रहने को कहा। हालांकि कई लोगों ने अनिवार्य निकासी के आदेश से पहले ही विस्तारित खतरे वाले क्षेत्र से चले जाना ही उचित समझा। नौसेना के एक ट्रक में अपनी बेटी, नाती-पोतों और पड़ोसियों के साथ मौजूद 61 वर्षीय फिडेल बंजुएला ने कहा, ‘‘वहां पहले से ही लावा और राख गिर रही है।

ज्वालामुखी फटने का है डर

अगर ज्वालामुखी फट जाए तब हम क्या करेंगे ?’’ ये सभी मायोन के निकटवर्ती सैन फर्नांडो गांव से थे। फिडेल की 22 साल की बेटी साराह बंजुएला ने कहा ‘‘राख और लावा निकल रहा है। हर पल लावा तेजी से करीब आता प्रतीत होता है।’’ साराह के साथ उसका दो साल का बेटा भी है जिसकी अस्थमा की समस्या ज्वालामुखी से राख निकलने की वजह से बढ़ गई है। ज्वालामुखी विस्फोट राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर के प्रशासन के लिए हालिया प्राकृतिक आपदा की परीक्षा है।

मार्कोस जूनियर ने पिछले साल जून में पदभार संभाला था और उन्हें विरासत में एक ऐसी अर्थव्यवस्था मिली जो दो साल के दौरान कोरोना वायरस महामारी की वजह से बिखर चुकी है, तथा जिसने गरीबी और बेरोजगारी को भी गहरा कर दिया है। उन्होंने विस्थापित ग्रामीणों को खाद्यान्न सहायता वितरित करने और उन्हें आश्वस्त करने में मदद करने के लिए अपने कुछ कैबिनेट अधिकारियों को अल्बे में तैनात किया है। (भाषा)

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