A
Hindi News विदेश एशिया शहबाज सरकार ने की भारत विरोधी कदम की घोषणा, चीन संग CPEC प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाएगा पाकिस्तान

शहबाज सरकार ने की भारत विरोधी कदम की घोषणा, चीन संग CPEC प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाएगा पाकिस्तान

कंगाल पाकिस्तान में सत्ता संभालते ही शहबाज शरीफ भारत विरोधी कदम उठाने से बाज नहीं आ रहे हैं। जिस सीपीईसी प्रोजेक्ट का भारत विरोध करता है, शहबाज उसी प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में काम करना चाहते हैं। सीपीईसी प्रोजेक्ट चीन और पाकिस्तान का संयुक्त प्रोजेक्ट है।

शहबाज शरीफ और जिनपिंग।- India TV Hindi Image Source : FILE शहबाज शरीफ और जिनपिंग।

CPEC : कंगाल पाकिस्तान चीन के भारी कर्ज में डूबा हुआ है। कर्ज से साए में पल रही दोस्ती को दुनिया जानती है। ऐसे में जब पाकिस्तान कंगाली की हालत से जूझ रहा है, हाल ही में शहबाज शरीफ सरकार ने सत्ता फिर संभाली है। सत्ता संभालते ही शहबाज शरीफ ने एक और भारत विरोधी घोषणा की है। शहबाज शरीफ चीन के साथ मिलकर चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे यानी CPEC प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाना चाहते हैं।

भारत इस प्रोजेक्ट का लगातार विरोध करता रहा है। भारत के विरोध के बावजूद शहबाज इस प्रोजेक्ट के दूसरे चरण पर काम करना चाहते हैं। पाकिस्तान कुटील चीन को अपना 'आयरन ब्रदर' कहता है। पाकिस्तान के ऐसे कदमों से भारत और पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के बीच संबंध सुधर सकते हैं। 

जानिए शहबाज शरीफ ने सीपीईसी पर क्या कहा?

शहबाज शरीफ ने अपने पहले संसदीय भाषण में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) की चर्चा करने के बाद शहबाज ने चीन के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने की अपील की। शहबाज ने चीन को 'आयरन ब्रदर' कहा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि दोनों देशों को मुश्किलों के बावजूद सहयोग जारी रखते हुए CPEC परियोजना के दूसरे चरण की ओर बढ़ना चाहिए। इस्लामाबाद में पीएम ऑफिस में चीन की सरकारी एजेंसी सिन्हुआ के साथ एक चर्चा में उन्होंने ये बातें कही। पाकिस्तान और चीन के 73 वर्षों के राजनयिक संबंध पूरे होने पर शहबाज ने कहा कि पाकिस्तान और चीन के नेताओं ने लगातार द्विपक्षीय मित्रता को बढ़ाया है। 

पीओके से गुजरता है सीपीईसी प्रोजेक्ट

शहबाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान सीपीईसी के दूसरे चरण के लिए चीन के साथ काम करने के लिए तैयार है। शहबाज ने इस कॉरिडोरके जरिए टेक्नोलॉजी और एग्रीकल्चर को बढ़ाने की बात कही। हालांकि उनका यह कदम सीधा भारत विरोधी है। क्योंकि सीपीईसी पीओके से गुजरता है, जो भारत का हिस्सा है। भारत इसे लेकर हमेशा विरोध जताता रहा है।

Latest World News