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Hindi News विदेश एशिया दलाई लामा का उत्तराधिकारी कौन होगा? चीन ने दी धमकी, कहा 'हमारी मंजूरी लेना जरूरी'

दलाई लामा का उत्तराधिकारी कौन होगा? चीन ने दी धमकी, कहा 'हमारी मंजूरी लेना जरूरी'

चीन ने दलाई लामा के उत्तराधिकारी के मुद्दे पर कहा कि दलाई लामा का उत्तराधिकारी जो भी होगा वो अपने देश से यानी 'तिब्बत' से होगा। चीन ने यह भी कहा कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी की नियुक्ति करने पर चीन से अनुमति भी लेना होगी।

दलाई लामा और शी जिनपिंग।- India TV Hindi Image Source : FILE दलाई लामा और शी जिनपिंग।

China on Dalai Lama: चीन ने एक बार फिर अपनी करतूतें जाहिर की हैं। चीन ने शुक्रवार को कहा कि​ तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा का कोई भी यदि उत्तराधिकारी होगा, तो वो देश के अंदर से होना चाहिए और इसके​ लिए अनुमति लेना होगी। दलाई लामा इस समय 88 साल के हैं। चीन ने भारतीय ​सीमा के पास बेसिक ढांचा विकास को दर्शाते हुए सामरिक रूप से अहम तिब्बत क्षेत्र को 'दक्षिण एशिया' का द्वार करार दिया। चीनी सरकार ने अपने श्वेत पत्र में कहा कि दलाई लामा और पंचेन रिनपोचे सहित तिब्बत में रह रहे सभी अव​तरित बुद्ध को देश के अंदर ​ही अपना उत्तराधिकारी ढूंढना होगा। 

अरुणाचल को दक्षिण तिब्बत मानने की हिमाकत करना है चीन

इसमें तिब्बत और अरूणाचल प्रदेश में सीमावर्ती इलाकों में बुनियादी ढांचे को भी रेखांकित किया गया है। चीन अरूणाचल को दक्षिणी तिब्बत बताता है। चीन ने भारत के सीमावर्ती इलाकों तक तिब्बत में हाई-स्पीड ट्रेन परिचालित करने के लिए रेल पटरी बिछाई है, जो उसे सैनिकों को तेजी से पहुंचाने में मदद करेगा। श्वेत पत्र ने यह भी प्रायोजित किया है कि तिब्बत, नेपाल के जरिये रेल व सड़क संपर्क के साथ दक्षिण एशिया के लिए एक द्वार बनने वाला है। 

दलाई लामा के उत्तराधिकारी पर क्या बोला चीन

बीजिंग ने जोर देकर कहा है कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी को इसकी मंजूरी लेने की जरूरत होगी। वहीं, विश्लेषकों ने कहा है कि यह चिंता का विषय बना हुआ है क्योंकि मौजूदा पंचेन लामा की तिब्बत में व्यापक स्वीकार्यता नहीं बनी है। वह नंबर-2 आध्यात्मिक गुरु हैं जिन्हें दलाई लामा द्वारा नामित लड़के को अपदस्थ कर चीन ने नियुक्त किया था। 

दलाई लामा को चीन विरोधी मानता है बीजिंग

श्वेत पत्र के अनुसार, 'दलाई समूह की प्रतिक्रियावादी प्रकृति का खुलासा हो गया है, और क्षेत्रीय सरकार इसके सभी स्वरूप का प्रतिरोध करने के लिए सभी लोगों पर करीबी रूप से निर्भर है।' इसमें कहा गया है, 'यह अब समूचे क्षेत्र के लोगों के मन में गहरी जड़ें समाये हुए है कि एकता व स्थिरता एक वरदान है, जबकि विभाजन व अशांति आपदा है। वे देश की एकता, राष्ट्रीय संप्रभुता, और जातीय एकजुटता की रक्षा के लिए कहीं अधिक प्रतिबद्ध है।' उधर अमेरिका ने इस बात की आलोचना की है। अमेरिका का कहना है कि बीजिंग को दलाई लामा का उत्तराधिकारी चुनने में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।

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