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Hindi News विदेश एशिया चीन को सुपरपावर बनाने का सपना देख रहे शी जिनपिंग, तीसरा कार्यकाल शुरू होते ही टेंशन में अमेरिका! जायजा ले रहा बाइडेन प्रशासन

चीन को सुपरपावर बनाने का सपना देख रहे शी जिनपिंग, तीसरा कार्यकाल शुरू होते ही टेंशन में अमेरिका! जायजा ले रहा बाइडेन प्रशासन

China US Relations: चीन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग के प्रभाव को बढ़ाया जा रहा है। इसके पीछे का एक मकसद देश को सुपरपावर बनाना है और दूसरा मकसद हर मामले में अमेरिका को पीछे छोड़ना है।

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग- India TV Hindi Image Source : AP चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग

Xi Jinping-Joe Biden: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का प्रशासन चीन के राष्ट्रपति के अभूतपूर्व तीसरे कार्यकाल का जायजा ले रहा है। ऐसे में जब अमेरिका-चीन संबंधों में पहले से ही खटास आ रही है, तो वाशिंगटन में चिंताएं बढ़ रही हैं कि भविष्य में और समस्याएं सामने आ सकती हैं। चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी पर शी का काफी प्रभाव है। यह वैसा ही है जैसा देश के नेता माओत्से तुंग के समय में 1949 से 1976 में उनकी मृत्यु तक था। चीन में शी जिनपिंग राष्ट्रपति के तौर पर अपना तीसरा कार्यकाल शुरू कर चुके हैं। वह न केवल देश के राष्ट्रपति हैं, बल्कि कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के महासचिव और चीनी सेना के प्रमुख भी हैं।

इस बीच ऐसी खबर आई है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का प्रशासन चीन के राष्ट्रपति के अभूतपूर्व तीसरे कार्यकाल का जायजा ले रहा है। ऐसे में जब अमेरिका-चीन के रिश्तों में खटास आ गई है, तब वाशिंगटन में चिंता बढ़ रही है कि भविष्य में और समस्याएं सामने आ सकती हैं। चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी पर शी जिनपिंग का काफी प्रभाव है। यह प्रभाव वैसा ही है जैसा देश के नेता माओत्से तुंग का 1949 से 1976 में उनकी मृत्यु तक था।

बढ़ाया जा रहा जिनपिंग का प्रभाव

सभी विरोधियों को ठिकाने लगाकर देश में जिनपिंग के प्रभाव को मजबूत किया जा रहा है। इसके पीछे की एक वजह ये भी है कि अमेरिका ने अपनी रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीतियों को अपडेट किया है ताकि यह दर्शाया जा सके कि चीन अब अमेरिका का सबसे संभावित सैन्य और आर्थिक प्रतिद्वंद्वी है। जो बाइडेन ने ये बात कही थी कि शी के साथ उनके संबंध एक दशक से भी अधिक पुराने हैं, जब वे अमेरिका के उपराष्ट्रपति थे। हालांकि, बाइडेन का सामना अब एक ऐसे जिनपिंग के साथ हो रहा है, जो चीन को एक 'महाशक्ति' बनाने के लिए अधिक शक्तिशाली और प्रतिबद्ध दिखाई देते हैं।

बाइडेन से मिलेंगे चीनी राष्ट्रपति

सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज में चाइना स्टडीज के अध्यक्ष जूड ब्लैंचेट ने कहा, "हम माओ युग में वापस नहीं आए हैं।" शी जिनपिंग माओ नहीं हैं। लेकिन हम चीन की राजनीतिक व्यवस्था की स्थिरता के मामले में निश्चित रूप से नए क्षेत्र में और अप्रत्याशित क्षेत्र में हैं।" इंडोनेशिया में अगले महीने होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान बाइडेन और जिनपिंग के बीच बातचीत होने की संभावना है। दोनों नेताओं के बीच लंबे समय से इस मुलाकात का इंतजार किया जा रहा था। वो भी ऐसे वक्त में जब चीन और अमेरिका के बीच तनावपूर्ण संबंध बने हुए हैं। 

तमाम मुद्दों पर बात कर सकते हैं दोनों नेता

अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा, "चीन के पास बात करने के लिए बहुत सारे मुद्दे हैं।" उन्होंने कहा कि अमेरिका और चीनी अधिकारी नेताओं की एक बैठक की व्यवस्था करने के लिए काम कर रहे हैं, हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है। किर्बी ने कहा, "कुछ मुद्दे बेहद विवादास्पद हैं।" 

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