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कर्ज वार्ता गोपनीय तरीके से न हो: ग्रीक प्रधानमंत्री सिप्रास

स्ट्रॉसबर्ग (फ्रांस): ग्रीस के यूरोज़ोन निकलने की आशंका के बीच ग्रीस के प्रधानमंत्री एलेक्सिस सिप्रास ने बुधवार को पहली बार एक प्रधानमंत्री के तौर पर यूरोपीय संघ के संसद में हिस्सा लेते हुए कहा कि

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स्ट्रॉसबर्ग (फ्रांस): ग्रीस के यूरोज़ोन निकलने की आशंका के बीच ग्रीस के प्रधानमंत्री एलेक्सिस सिप्रास ने बुधवार को पहली बार एक प्रधानमंत्री के तौर पर यूरोपीय संघ के संसद में हिस्सा लेते हुए कहा कि जो बहस आज यहां हो रही है, वह बहुत पहले हो जानी चाहिए थी। गत पांच महीने से ग्रीस के भविष्य पर वार्ता गोपनीय तरीके से हो रही थी। यूरोपीय संसद एक लोकतांत्रिक उपकरण है और इसे इस संबंध में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, रविवार को जनमत संग्रह में कर्जदाताओं की बेलआउट शर्तो को खारिज किए जाने और उसके बाद मंगलवार को ब्रसेल्स में दो आपात सम्मेलन के बाद बुधवार को सिप्रास ने जहां अपनी सरकार के पक्ष का बचाव करने की कोशिश की वहीं इस मुद्दे को राजनीतिक संदर्भ देने की भी कोशिश की।

उन्होंने कहा, "अब तक हम तीन संस्थानों से बात करने के लिए बाध्य रहे हैं, जिनकी स्थिति कई बार अंतर्विरोधी रही है। यदि वार्ता सिर्फ ग्रीस सरकार और यूरोपीय संघ के बीच हो रही होती, तो आज हम यहां इस विषय पर बात नहीं कर रहे होते।"

सिप्रास ने कहा, "ग्रीस को यूरोजोन से बाहर ले जाने की हमारी कोई छिपी मंशा नहीं है। मेरा देश मितव्ययिता की प्रयोगशाला बन गया है, लेकिन हमें वास्तविकता पर भी ध्यान देना चाहिए। यूरोप को लोकतांत्रिक तौर तरीका अपनाना चाहिए, वरना जिस स्थिति से हम गुजर रहे हैं, यह असफल हो जाएगा।"

उन्होंने कहा, "जिसे हम ग्रीस संकट कह रहे हैं, वह हकीकत में कर्ज समस्या का समाधान नहीं निकाल पाने की यूरोपीय अक्षमता है। हम सम्माननीय तरीके से त्याग करना चाहते हैं। हम सभी मुद्दे से अवगत हैं और अपनी ऐतिहासिक जवाबदेही निभाने के लिए तैयार हैं। लेकिन हम ऐसा वहनीय कार्यक्रम चाहते हैं, जिसमें हम कर्ज भी चुका सकें और हमेशा के लिए कर्ज लेने के लिए विवशता भी समाप्त हो जाए।"

उन्होंने कहा, "मौजूदा ग्रीस सरकार साढ़े पांच महीने पहले बनी है। बेलआउट पांच साल पहले शुरू हुआ है। जिस समस्या से हम जूझ रहे हैं, वह पांच महीने पहले पैदा नहीं हुई है।"

सिप्रास ने कहा, "हमने 47 पृष्ठों को दस्तावेज दाखिल किया है। फिर भी यह धारणा बनाने की कोशिश की जा रही है कि हमने कोई प्रस्ताव नहीं रखा है। हमने यूरोपीय स्थिरता व्यवस्था में अपना अनुरोध रखा है और अगले दो दिनों में इसमें संशोधन भी करेंगे। लेकिन इन प्रस्तावों से समाधान निकालने की प्रतिबद्धता भी सामने आनी चाहिए।"

प्रधानमंत्री ने बार-बार कहा कि समाधान ग्रीस और यूरोप दोनों के हित में निकाला जाए। उन्होंने दूसरे विश्व युद्ध के बाद जर्मनी के कर्ज का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने 1953 में लंदन का सम्मेलन यूरोपीय एकजुटता का महान क्षण था, जब यूरोपीय देशों ने जर्मनी का 60 फीसदी कर्ज माफ करने का फैसला किया था।

उन्होंने कहा, "कुलीन तंत्र और व्यावसायिक समूहों के शासन से संघर्ष, गबन और कर वंचना से संघर्ष, सरकार का आधुनिकीकरण ये सब हमारी प्राथमिकताएं हैं। इनके लिए हमें यूरोपीय साझेदारों की सहायता चाहिए।"

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