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भारत को MiG-35 बेचेगा रूस? जानें, दुनिया क्यों खौफ खाती है इस लड़ाकू विमान से

भारत की वायुसेना को जल्द ही एक शानदार तोहफा मिल सकता है। रूस की कंपनी मिकोयान MiG कॉर्पोरेशन ने अपना सबसे अडवांस्ड फाइटर प्लेन MiG-35 भारत को बेचने की पेशकश की है।

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जुकोवस्की (रूस): भारत की वायुसेना को जल्द ही एक शानदार तोहफा मिल सकता है। रूस की कंपनी मिकोयान MiG कॉर्पोरेशन ने अपना सबसे अडवांस्ड फाइटर प्लेन MiG-35 भारत को बेचने की पेशकश की है। मिग-35 को दुनिया के सबसे खतरनाक लड़ाकू विमानों में से एक माना जा रहा है। इस लड़ाकू विमान में वह सारी खूबियां हैं जो एक मॉडर्न फाइटर प्लेन में होनी चाहिए। यदि MiG-35 भारतीय वायुसेना को मिलता है तो निश्चित तौर पर इसकी ताकत में काफी इजाफा होगा। आइए, आपको बताते हैं क्यों...

MiG-35 और इसके विध्वंसक हथियार

  • Mikoyan MiG-35 एक मल्टिरोल फाइटर है जो मिग-29 का उन्नत संस्करण है। यह चौथी पीढ़ी का लड़ाकू विमान है। इस विमान को सबसे पहले भारत के बेंगलुरु में हुए एयरो इंडिया शो 2007 में दिखाया गया था। इस विमान के सिंगल सीट वर्जन को MiG-35 और 2-सीटर वर्जन को MiG-35D नाम दिया गया है।

MiG-35

  • इस प्लेन की लंबाई 19 मीटर, डैनों का फैलाव 15 मीटर, ऊंचाई 6 मीटर और खाली वजन 11,000 किलोग्राम है। इस विमान में 17,500 किलोग्राम तक गोला-बारूद और अन्य हथियार लगाए जा सकते हैं। यह विमान अधिकतम 29,700 किलोग्राम वजन लेकर उड़ सकता है।

MiG-35

  • MiG-35 एक बार में 2,000 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकता है। यह विमान 2,400 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। 3 एक्सटर्नल फ्यूल टैंक्स की मदद से विमान के चक्कर काटने की सीमा 3,100 किमी तक हो सकती है।

MiG-35

  • इस प्लेन में  GSh-30-1 तोप 150 राउंड्स के गोले के साथ लोड की जा सकती है। इसके अलावा 4 अलग-अलग हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें और 3 हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलें लगाई गई हैं। इसके अलावा प्लेन में कई अन्य तरह के रॉकेट्स भी लगाए गए हैं।

MiG-35

  • इस प्लेन में फैज़ोट्रोन ज़्हुक-AE एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एरे (AESA) वाला रडार और एक नए तरीके से डिजाइन किया गया OLS से संयुक्त जटिल ऑपट्रोनिक लगाया गया है।

MiG-35

  • हवा लेने वाले दाहिने हिस्से पर एक अतिरिक्त OLS के तहत, प्रत्येक पंखे के टिप पर एक जोड़ी लेजर उत्सर्जन डिटेक्टर लगाए गए हैं। इस प्लेन की नाक पर लगा OLS, IRST के रूप में कार्य करता है जबकि हवा खींचने वाले दाहिने हिस्से पर लगा OLS जमीनी मार के संकेतक के रूप में कार्य करता है।

MiG-35

  • हवाई मुकाबले में यह विमान 45 किमी और उससे अधिक की सीमा में गैर जलनशील लक्ष्यों की पहचान कर सकता है। साथ ही 8 से 10 किलोमीटर की सीमा में स्थित लक्ष्यों की पहचान करता है। 15 किमी की सीमा तक के हवाई लक्ष्य (निशाने) का अनुमान लगा सकता है। वहीं जमीनी मुकाबले में यह विमान 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित टैंकों का और 60-80 किमी की दूरी पर स्थित विमान वाहकों का पता लगा सकता है। साथ ही जमीनी लक्ष्य के रेंज का 20 किमी तक अनुमान लगा सकता है।

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