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समय पर एंटीबॉडी जांच से कोविड-19 संक्रमण का पता लगाने में मिल सकती है मदद: वैज्ञानिक

शोधकर्ताओं ने पाया कि पूर्व के सार्स-सीओवी-2 संक्रमण का पता लगाने में ही जांच उपयोगी है बशर्तें कि किसी को लक्षण उभरने के 14 दिन बाद इसका इस्तेमाल हो।

Coronavirus- India TV Hindi Image Source : AP Representational Image

लंदन. किसी मरीज में कोविड-19 के संक्रमण का पता लगाने के लिए एंटीबॉडी जांच में समय सबसे महत्वपूर्ण पहलू होता है। कोरोना वायरस की जांच को लेकर अब तक की सबसे समग्र समीक्षा में वैज्ञानिकों ने यह निष्कर्ष निकाला है। शोधकर्ताओं ने ‘एंटीबॉडी टेस्ट’ की सटीकता को लेकर अप्रैल के अंत तक प्रकाशित सभी अध्ययन के नतीजों पर गौर किया।

कई अध्ययन से मिले आंकड़ों को मिलाने के बाद शोधकर्ताओं ने टेस्ट को लेकर निष्कर्ष निकाला है। उन्होंने पाया कि लक्षण उभरने के बाद पहले दो हफ्ते में एंटीजन टेस्ट होने की स्थिति में यह सटीकता से साबित नहीं होता है कि कोई व्यक्ति कोविड-19 से संक्रमित है या नहीं।

शोधकर्ताओं ने पाया कि पूर्व के सार्स-सीओवी-2 संक्रमण का पता लगाने में ही जांच उपयोगी है बशर्तें कि किसी को लक्षण उभरने के 14 दिन बाद इसका इस्तेमाल हो। हालांकि, उन्होंने कहा कि अध्ययन के मुताबिक कोविड-19 के 10 मामलों में से एक में यह पता नहीं लगा पाएगा।

बहरहाल, शोधकर्ताओं ने आगाह किया कि इन आंकड़ों पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है क्योंकि अध्ययन काफी छोटे स्तर पर किया गया और चुने हुए मरीजों पर ही इसका प्रभाव देखा गया। शोधकर्ताओं को यह भी अंदेशा है कि समुदाय के स्तर पर परीक्षण होने पर इसकी सटीकता कम होगी क्योंकि अस्पतालों में मरीजों पर इसका आकलन किया जाता है। इससे यह साफ नहीं हो पाता कि उनमें कोविड-19 के हल्के या मध्यम श्रेणी के लक्षण हैं।

बर्मिंघम विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों के नेतृत्व में शोधकर्ताओं के समूह ने ‘कोक्रेन डाटाबेस ऑफ सिस्टमेटिक रिव्यूज’ में इन नतीजों को प्रकाशित कराया है। बर्मिंधम विश्वविद्यालय में जांच आकलन शोध समूह के प्रमुख और जैवसांख्यिकी के प्रोफेसर जॉन डिक्स ने इन नतीजों की जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘‘हमने दुनियाभर में उपलब्ध आंकड़ों का विश्लेषण किया और यह निष्कर्ष सामने आया कि इस तरह की जांच में समय (टायमिंग) सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण पहलू होता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कई तरह की जांच के अनुकूल नतीजे आए हैं लेकिन ऐसा कोई ठोस सबूत नहीं है जिससे पता चले कि कौन सा परीक्षण बेहतर है । हमें उपलब्धता के हिसाब से आंकड़ों का विश्लेषण जारी रखना होगा।’’ कोविड-19 से प्रभावित लोगों के प्रतिरक्षा तंत्र में उत्तकों का उत्पादन होता है जो खून में वायरस (एंटीबॉडी) पर हमला करता है। लोगों के खून में एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए जांच से उजागर होता है कि उनमें वर्तमान में कोविड-19 के लक्षण हैं या पूर्व में प्रभावित हुए थे।

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