A
Hindi News विदेश यूरोप वैक्सीन की एक खुराक से ही आधा हो जाता है कोरोना का ट्रांसमिशन रेट: अध्ययन

वैक्सीन की एक खुराक से ही आधा हो जाता है कोरोना का ट्रांसमिशन रेट: अध्ययन

पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (पीएचई) के एक नए अध्ययन के मुताबिक, यह पाया गया है कि ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका या फाइजर/बायोएनटेक टीकों की एक खुराक भी कोविड-19 की संचरण दर (Transmission rate) को आधा कर देती है।

वैक्सीन की एक खुराक से ही आधा हो जाता है कोरोना का ट्रांसमिशन रेट: अध्ययन- India TV Hindi Image Source : AP वैक्सीन की एक खुराक से ही आधा हो जाता है कोरोना का ट्रांसमिशन रेट: अध्ययन

लंदन: पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (पीएचई) के एक नए अध्ययन के मुताबिक, यह पाया गया है कि ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका या फाइजर/बायोएनटेक टीकों की एक खुराक भी कोविड-19 की संचरण दर (Transmission rate) को आधा कर देती है। फिलहाल, राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) द्वारा चलाए जा रहे टीकाकरण कार्यक्रम के तहत जो लोग एक टीका लगवाने के तीन हफ्तों के अंदर संक्रमित हो गए थे, उनसे टीका नहीं लेने वाले लोगों के संक्रमित होने की आशंका 38 से 49 प्रतिशत के बीच कम रही। 

पीएचई ने यह भी पाया कि टीकाकरण के 14 दिनों बाद कोविड-19 से सुरक्षा देखी गई और उम्र और संपर्कों का इस संरक्षण पर कोई असर नहीं दिखा। ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने कहा, “एक नया अध्ययन दिखाता है कि टीके की एक खुराक घरेलू संचरण के खतरे को 50 प्रतिशत तक कम कर देती है। यह इस बात को फिर से प्रमाणित करता है कि टीका आपको और आपके आसपास रहने वालों को बचाता है। जब आपको टीका लगवाने के लिये फोन आए, टीका लगवाएं।” 

बुधवार को सामने आए इन नए अध्ययन की अभी विशेषज्ञों द्वारा पूर्ण समीक्षा की जानी बाकी है। इस अध्ययन के दौरान 24000 घरों के 57000 से ज्यादा लोगों से संपर्क किया गया जहां प्रयोगशाला से पुष्ट कोविड-19 का कम से कम एक मरीज था, जिसे टीके की एक खुराक दी जा चुकी थी, इन लोगों की तुलना टीका नहीं लगवाने वाले करीब 10 लाख लोगों से की गई। 

घर में टीका लगवा चुके व्यक्ति के संक्रमित होने के बाद दो से 14 दिनों में उसके संपर्क में आए किसी व्यक्ति को कोरोना वायरस संक्रमण होने पर उसे द्वितीयक मामले के तौर पर परिभाषित किया गया। अध्ययन में शामिल अधिकांश लोगों की उम्र 60 साल से कम थी। पूर्व के अध्ययनों में यह पाया गया था कि दोनों में से किसी भी टीके की एक खुराक लेने के चार हफ्ते बाद संक्रमित होने का खतरा 60-65 प्रतिशत तक कम हो जाता है। 

पीएचई में टीकाकरण की प्रमुख डॉ मैरी रेमसे कहती हैं, “हमारे सामान्य जीवन की तरफ लौटने में मदद करने के लिये टीके महत्वपूर्ण हैं। टीके न सिर्फ बीमारी की गंभीरता को कम करते हैं बल्कि रोजाना हजारों मौतें रोकते हैं। हम अब देख रहे हैं कि वह दूसरों में कोविड-19 के प्रसार के जोखिम को कम करने में भी मददगार हैं।”

Latest World News