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जलियांवाला बाग नरसंहार पर ब्रिटेन ने नहीं मांगी माफी, दिया यह बयान

ब्रिटेन ने साल 1919 का जलियांवाला बाग नरसंहार के लिए आधिकारिक रूप से माफी मांगने के लंदन के मेयर सादिक खान के आह्वान से खुद को दूर रखा और कहा कि...

Theresa May | AP Photo- India TV Hindi Theresa May | AP Photo

लंदन: ब्रिटेन ने साल 1919 का जलियांवाला बाग नरसंहार के लिए आधिकारिक रूप से माफी मांगने के लंदन के मेयर सादिक खान के आह्वान से खुद को दूर रखा और कहा कि सरकार ने ब्रिटिश इतिहास के ‘बहुत शर्मनाक कृत्य’ की अतीत में ‘निंदा’ की है। ब्रिटेन के विदेश कार्यालय ने यह बयान ऐसे समय दिया जब खान ने बुधवार को अमृतसर के अपने दौरे पर कहा कि ब्रिटिश सरकार को जलियांवाला बाग नरसंहार के लिए माफी मांगनी चाहिए।

पाकिस्तानी मूल के खान ने भारत और पाकिस्तान के वर्तमान कारोबारी दौरे पर कहा, ‘मैं इस बारे में स्पष्ट हूं कि सरकार को अब माफी मांगनी चाहिए, विशेषकर इसलिए क्योंकि इस नरसंहार के 100 साल होने वाले हैं। यहां जो कुछ हुआ उसे उचित ढंग से स्वीकार करना चाहिए और औपचारिक माफी के जरिए अमृतसर तथा भारत के लोगों के लिए जिस तरह से इस मामले को बंद करने की जरूरत है, वह करना चाहिए।’ उन्होंने नरसंहार को भारत के इतिहास की सबसे दर्दनाक घटनाओं में से एक बताया। विदेश कार्यालय ने खान द्वारा माफी के लिए कहने के बाद ब्रिटेश के पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के इस मुद्दे पर नजरिए का जिक्र किया।

विदेश कार्यालय ने बयान में कहा, ‘जैसा कि पूर्व प्रधानमंत्री ने 2013 में जलियांवाला बाग का दौरा करने पर कहा था, नरसंहार ब्रिटेन के इतिहास का बहुत शर्मनाक कृत्य है और हमें इसे कभी नहीं भूलना चाहिए। यह सही है कि हम जान गंवाने वालों के प्रति सम्मान व्यक्त करते हैं और जो कुछ हुआ उसे याद करते हैं। ब्रिटिश सरकार ने इस घटना की निंदा की।’ ब्रिटेन की कंजर्वेटिव पार्टी नीत सरकार ने कैमरन द्वारा अमृतसर के दौरे के समय नरसंहार के लिए औपचारिक माफी से परहेज किया था। फरवरी 2013 में अपने भारतीय कारोबारी मिशन पर कैमरन ने कहा था कि ‘इतिहास में पीछे जाना’ और ब्रिटेन के उपनिवेशवाद की गलतियों के लिए माफी मांगना गलत होगा।

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