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Hindi News विदेश यूरोप पाकिस्तानी नेता अल्ताफ हुसैन ने लंदन में गाया 'सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा', वीडियो हुआ वायरल

पाकिस्तानी नेता अल्ताफ हुसैन ने लंदन में गाया 'सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा', वीडियो हुआ वायरल

पाकिस्तान के राजनीतिक दल मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (MQM) के संस्थापक अल्ताफ हुसैन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

MQM chief Altaf Hussain sings 'Sare jahan se achha Hindustan hamara' | MQM Facebook Page- India TV Hindi MQM chief Altaf Hussain sings 'Sare jahan se achha Hindustan hamara' | MQM Facebook Page

लंदन: पाकिस्तान के राजनीतिक दल मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (MQM) के संस्थापक अल्ताफ हुसैन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में अल्ताफ हुसैन मशहूर शायर और फिलॉसफर अल्लामा इकबाल के लिखे गीत ‘सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा’ गाते हुए दिखाई दे रहे हैं। एक तरफ जहां अल्ताफ हुसैन यह गीत गा रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ जम्मू एवं कश्मीर से अनुच्छेद 370 के खात्मे के बाद से ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान समेत तमाम नेता भारत को युद्ध की धमकी दे रहे हैं।

भारत विभाजन के आलोचक रहे हैं अल्ताफ
आपको बता दें कि अल्ताफ हुसैन पाकिस्तान में मुहाजिरों (भारत से पाकिस्तान गए मुसलमानों) के नेता हैं और उन्हें भारत विभाजन के आलोचक के रूप में भी जाना जाता है। उन्होने शनिवार को एक ट्वीट भी किया था जिसमें उन्होंने पाकिस्तान की कश्मीर में संयुक्त राष्ट्र के पर्यवेक्षक भेजने की मांग पर कहा था कि यूएन महासचिव एंटोनियो गुतेरस को शहरी सिंध, बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वाह और गिलिगित-बाल्टीस्तान में भी पर्यवेक्षक भेजने चाहिए। अल्ताफ ने कहा था कि इससे दुनिया को पता चलेगा कि पाकिस्तान में किस तरह मानवाधिकार का उल्लंघन हो रहा है।


पिछले कई सालों से लंदन में रह रहे हैं अल्ताफ
अल्ताफ हुसैन ने अपनी पार्टी पर व्यापक कार्रवाई के बाद पाकिस्तान छोड़ दिया था। वह 1992 से ब्रिटेन में ही रह रहे हैं और वहीं से अपनी पार्टी MQM का कामकाज देखते हैं। पाकिस्तान की एक अदालत ने 2015 में उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया था। अल्ताफ पर हत्या, हिंसा भड़काने, देशद्रोह और हेट स्पीच के आरोप लगाए गए हैं। अदालत ने अल्ताफ की तस्वीर, वीडियो या बयान मीडिया में दिखाने पर पूरी तरह से रोक लगा रखी है। वहीं, उन्हें शरण देने वाले ब्रिटेन का कहना है कि उन्हें ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जिससे यह साबित हो कि अल्ताफ ने ब्रिटिश कानून का उल्लंघन किया है।

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