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Hindi News विदेश यूरोप कनाडा नहीं, ये लंदन है...ब्रिटिश पीएम ऋषि सूुनक ने खालिस्तानियों को दिखाई औकात, भारतीय दूतावास के हमलावर का यूं किया इलाज

कनाडा नहीं, ये लंदन है...ब्रिटिश पीएम ऋषि सूुनक ने खालिस्तानियों को दिखाई औकात, भारतीय दूतावास के हमलावर का यूं किया इलाज

खालिस्तानी आतंकियों पर ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक की सख्ती का असर दिखने लगा है। भारतीय दूतावास पर हिंसक प्रदर्शन करने वाले खालिस्तानी को गिरफ्तार करवाकर ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक ने यह संदेश देने का प्रयास किया है कि यह कनाडा नहीं, लंदन है। सुनक ने जी-20 में दिल्ली आने के दौरान भी खालिस्तानियों पर सख्ती का वादा किया था।

ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक।- India TV Hindi Image Source : AP ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक।

कनाडा की धरती पर खुलेआम घूमकर भारतीय दूतावापस पर हमला करने वाले और अधिकारियों को चुनौती देने वाले खालिस्तानी कनाडाइयों ने जब लंदन में भी ऐसा ही प्रयास किया तो उनकी शामत आ गई। खालिस्तानी शायद भूल बैठे थे कि लंदन में जस्टिन ट्रूडो नहीं, बल्कि ऋषि सुनक प्रधानमंत्री हैं। बता दें कि स्कॉटलैंड यार्ड (लंदन महानगर पुलिस) ने इस साल मार्च में लंदन स्थित भारत के उच्चायोग पर हुए हमला और ‘हिंसक अव्यवस्था’ पैदा की थी। इस आरोप में एक संदिग्ध को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इससे अन्य खालिस्तानियों में भी खलबली मच गई है। सुनक की इस कार्रवाई से कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो को भी झटका लगा होगा।

लंदन महानगर पुलिस ने कहा कि सोमवार को इंडिया हाउस के सामने प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार व्यक्ति का संबंध इसी वर्ष 19 मार्च के प्रदर्शन से भी जुड़े थे। इस मामले में भी जांच की जा रही है। ब्रिटिश सिख को सोमवार को प्रदर्शन के दौरान पुलिस अधिकारी पकड़ कर ले जाते दिखे थे। प्रदर्शनकारी कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा वांछित आंतकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत के संबंध होने के दावे को लेकर ब्रिटिश सरकार से हस्तक्षेप की मांग कर रहे थे, जबकि भारत ने इन आरोपों को खारिज करते हुए उसे ‘बकवास और प्रेरित’ बताया है।

2 अक्टूबर को भारतीय उच्चायोग के सामने किया था प्रदर्शन

महानगर पुलिस ने एक बयान में बताया, ‘‘ सोमवार दो अक्टूबर को एक व्यक्ति को भारतीय उच्चायोग के सामने से गिरफ्तार किया गया है। इसने 19 मार्च को भी उसी स्थान पर हिंसक प्रदर्शन का आरोप है।’ व्यक्ति की पहचान आरोप तय होने के बाद ही जाहिर कह जा सकती है, लेकिन माना जा रहा है कि वह करीब एक दर्जन लोगों में शामिल है जिनकी पहचान राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने 19 मार्च को खालिस्तान के समर्थन में भारतीय उच्चायोग पर हुए हमले के लिए जिम्मेदारों के तौर पर की है। उस दौरान खालिस्तान समर्थक अलगाववादियों ने उच्चायोग पर लगे भारत के राष्ट्रीय ध्वज को उतारने की कोशिश की थी। प्रदर्शनकारियों ने दूतावास पर वस्तुएं फेंकी थीं जिससे खिड़कियों के शीशे टूट गए थे और कम से कम एक अधिकारी घायल हो गया था। ​ (भाषा) 

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