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Hindi News विदेश यूरोप फ्रांस ने सीरिया के राष्ट्रपति और तीन सैन्य जनरलों के खिलाफ जारी किया गिरफ्तारी वारंट, क्या है वजह?

फ्रांस ने सीरिया के राष्ट्रपति और तीन सैन्य जनरलों के खिलाफ जारी किया गिरफ्तारी वारंट, क्या है वजह?

फ्रांस ने सीरिया के राष्ट्रपति और तीन सैन्य जनरलों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। राष्ट्रपति असद के अलावा उनके भाई, चौथे बख्तरबंद डिवीजन के कमांडर माहेर असद और सीरियाई सेना के दो जनरलों घासन अब्बास और बासम अल-हसन के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए हैं।

फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों- India TV Hindi Image Source : FILE फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों

France News: फ्रांस ने युद्ध अपराध में संलिप्तता के लिये सीरिया के राष्ट्रपति, तीन जनरलों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। फ्रांसीसी न्यायिक अधिकारियों ने बुधवार को सीरिया के राष्ट्रपति बशर असद, उनके भाई और सेना के दो जनरलों के लिए दमिश्क के उपनगरों पर 2013 में रासायनिक हमले सहित युद्ध अपराधों और मानवता के खिलाफ अपराधों में शामिल होने के आरोप में अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट जारी किए।

गैर सरकारी संगठनों ने की फैसले की सराहना

सीरियाई पीड़ितों के वकीलों ने यह जानकारी दी। राष्ट्रपति असद के अलावा उनके भाई, चौथे बख्तरबंद डिवीजन के कमांडर माहेर असद और सीरियाई सेना के दो जनरलों घासन अब्बास और बासम अल-हसन के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए हैं। वादी का प्रतिनिधित्व करने वाले पेरिस बार की वकील जेने सुल्जर और क्लेमेंस विट तथा शिकायतकर्ता गैर सरकारी संगठनों ने बुधवार के फैसले की सराहना की। 

'सकारात्मक कदम का प्रतीक'

सुल्जर ने एसोसिएटेड प्रेस (एपी) को फोन पर बताया, ‘यह किए गए अपराधों की गंभीर प्रकृति को पहचानने वाले कानून के तहत एक सकारात्मक कदम का प्रतीक है।’ पेरिस अभियोजक के कार्यालय ने गिरफ्तारी वारंट पर सार्वजनिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं की है क्योंकि यह जारी जांच के बीच फ्रांसीसी कानून के तहत गोपनीय है। सुल्जर ने कहा, ‘कानूनी तौर पर कहें तो यह एक प्रक्रियात्मक कार्य है क्योंकि पूर्वी घोउटा और डौमा में 2013 के हमलों की जांच जारी है।’

पूछताछ के लिए लाया जा सकता है फ्रांस: सुल्जर

उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी वारंट में नामित चार व्यक्तियों को ‘गिरफ्तार किया जा सकता है और जांच न्यायाधीशों द्वारा पूछताछ के लिए फ्रांस लाया जा सकता है।’ अगस्त 2013 में डौमा और पूर्वी घोउटा पर हुए हमलों में 1,000 से अधिक लोग मारे गए और हजारों घायल हो गए। दो रासायनिक हथियारों के हमलों की जांच फ्रांस में सार्वभौमिक क्षेत्राधिकार के तहत पेरिस न्यायिक न्यायालय की मानवता और युद्ध अपराधों के खिलाफ अपराधों की विशेष इकाई के जांच न्यायाधीशों द्वारा की गई है। 

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