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Hindi News विदेश यूरोप Iran Nuclear Deal: एक बार फिर 'जिंदा' होगी ईरान न्यूक्लियर डील! ट्रंप की एक भूल के कारण घुटने पर बाइडेन, अब वियना में होगी आखिरी कोशिश

Iran Nuclear Deal: एक बार फिर 'जिंदा' होगी ईरान न्यूक्लियर डील! ट्रंप की एक भूल के कारण घुटने पर बाइडेन, अब वियना में होगी आखिरी कोशिश

ईरान ने भी मांग की कि अमेरिका गारंटी दे कि वह समझौते से फिर बाहर नहीं जाएगा और उसके अर्धसैनिक बल रिवल्यूशनरी गार्ड पर आतंकवाद को लेकर लगाए गए प्रतिबंधों को हटा लेगा।

Iran Nuclear Deal - India TV Hindi Image Source : AP/PTI Iran Nuclear Deal

Highlights

  • ईरान परमाणु समझौते को लेकर वियना में होगी वार्ता
  • डोनाल्ड ट्रंप ने 2018 में डील से अमेरिका को बाहर किया था
  • जो बाइडेन अमेरिका को शामिल करने की कोशिश में हैं

Iran Nuclear Deal: ईरान, अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) ने बुधवार को कहा कि वे ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत के लिए अपने दूत वियना भेजेंगे। यह कदम वर्ष 2015 में ईरान और विश्व शक्तियों के बीच हुए परमाणु समझौते को बचाने की आखिरी कोशिश प्रतीत हो रही है। हालांकि, तत्काल स्पष्ट नहीं हो सका है कि इस ऐतिहासिक समझौते में शामिल अन्य पक्षकार भी अचानक हो रहे सम्मेलन में शामिल होंगे या नहीं। यह भी जानकारी नहीं मिली है कि दोहा में अमेरिका और ईरान के बीच हो रही परोक्ष वार्ता में कोई प्रगति हुई है या नहीं। 

अमेरिका ने 2018 में तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में खुद को इस समझौते से बाहर कर लिया था। लेकिन अब अमेरिका के वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन अमेरिका को समझौते में शामिल करने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं। वहीं वियना में होने वाली वार्ता की अध्यक्षता करने वाले यूरोपीय संघ के अधिकारी एनरिक मोरा ने ट्वीट किया कि बातचीत के केंद्र में हाल में समझौते को बहाल करने के लिए तैयार मसौदा रहेगा। वहीं, ईरान ने कहा कि वह अपने परमाणु वार्ताकार अली बाघेरी कानी को ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना भेज रहा है।

अमेरिका को इससे ज्यादा उम्मीद नहीं 

ईरान के लिए नियुक्त अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि रॉब मैली ने भी ट्वीट किया कि वह भी वार्ता के लिए वियना जाने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने साथ ही आगाह किया कि वार्ता से पहले अमेरिका की ‘उम्मीदें सीमित हैं।’ मैली ने कहा, ‘अमेरिका ईयू की कोशिशों का स्वागत करता है और समझौते के लिए अच्छी भावना से कार्य करने के लिए तैयार है। जल्द ही पता चल जाएगा कि ईरान क्या ऐसी ही भावना के साथ तैयार है।’ उल्लेखनीय है कि इस समझौते को बहाल करने की कोशिश कुछ समय पहले तब खटाई में पड़ गई जब विभिन्न पक्ष अपने-अपने रुख पर अड़े रहे। 

ईरान ने अमेरिका से मांगी गारंटी

ईरान ने भी मांग की कि अमेरिका गारंटी दे कि वह समझौते से फिर बाहर नहीं जाएगा और उसके अर्धसैनिक बल रिवल्यूशनरी गार्ड पर आतंकवाद को लेकर लगाए गए प्रतिबंधों को हटा लेगा। अचानक वियना में वार्ता की घोषणा ईयू के विदेश मामलों के प्रमुख जोसेफ बोरेल द्वारा गत हफ्तों में गतिरोध को दूर करने की लगातार की जा रही कोशिशों का नतीजा माना जा रहा है। उन्होंने हाल में ‘ द फिनेंशियल टाइम्स’ के लिए लिखे लेख में कहा था कि ‘अतिरिक्त अहम सुलह के लिए संभावनाएं क्षीण हो रही हैं।’

ईरान ने किया है शर्तों का उल्लंघन

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वर्ष 2018 में ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते से अमेरिका के अलग करने की घोषणा की थी। इस समझौते में ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर रोक के एवज में उसके खिलाफ लगे कई प्रतिबंधों को हटा लिया गया था। परमाणु अप्रसार विशेषज्ञों के मुताबिक अमेरिका के समझौते से अलग होने के बाद ईरान ने बड़े पैमाने पर परमाणु गतिविधियों को शुरू किया। उसने समझौते की शर्तों का खूब उल्लंघन किया है और उसके पास एक परमाणु हथियार बनाने के लिए पर्याप्त उच्च परिष्कृत यूरेनियम भी मौजूद है।

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