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Russia-Ukraine War Update:पुतिन करना चाहते हैं सेना में भर्ती, रूसी लोग भाग रहे छोड़कर देश

Russia-Ukraine War Update:मौत से हर किसी को डर लगता है, वह भी तब जब ऐसे युद्ध में जाने को कहा जाए...जहां लाशों पर लाशें बिछ रही हों। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सैन्य भर्ती ने हजारों-लाखों रूसियों को देश छोड़ने पर मजबूर कर दिया है।

 Russian leaving Countries- India TV Hindi Image Source : INDIA TV Russian leaving Countries

Highlights

  • एक साल में 30 लाख रूसी लोगों ने छोड़ा देश
  • रूसियों की शरणस्थली बना तुर्किये
  • पुतिन ने यूक्रेन में अधिक सैनिकों की तैनाती का किया है ऐलान

Russia-Ukraine War Update:मौत से हर किसी को डर लगता है, वह भी तब जब ऐसे युद्ध में जाने को कहा जाए...जहां लाशों पर लाशें बिछ रही हों।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सैन्य भर्ती ने हजारों-लाखों रूसियों को देश छोड़ने पर मजबूर कर दिया है। यूक्रेन में युद्ध की भयावहता देखकर अब रूसी लोग सेना में भर्ती नहीं होना चाहते। इसलिए वह सभी देश छोड़कर भाग रहे हैं। ताकि जबरन सेना में भर्ती होने से बच जाएं।

पुतिन के सैन्य भर्ती के ऐलान ने  हजारों रूसियों के जीवन में बहुत कुछ बदल दिया है। पुतिन ने पिछले महीने जब से यूक्रेन में और सैनिकों की तैनाती की घोषणा की, हजारों की संख्या में रूसी देश से बाहर पलायन कर रहे हैं। पिछले सप्ताह रूस के सेंट पीटर्सबर्ग छोड़ने वाले निकी प्रोशिन (28) ने बताया कि 21 सितंबर को पुतिन द्वारा यूक्रेन युद्ध के लिए सैनिकों की नयी तैनाती की घोषणा के बाद से बड़ी संख्या में लोगों ने अपने देश को छोड़ दूसरे देश में शरण के लिए पलायन किया है। रूसी सैनिकों की और तैनाती की फैसला तब किया गया जब यूक्रेन की जवाबी कार्रवाई में कुछ रूसी सैनिक टुकड़ियों को पीछे हटने के लिए मजबूर होना पड़ा।

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रूसियों की शरणस्थली बना तुर्किये
यूक्रेन में रूस के साथ चल रहे भीषण युद्ध के चलते पिछले सप्ताह हजारों लोगों के लिए सब कुछ बदल गया, जिन्होंने रूस को छोड़ने का फैसला किया। इस फैसले की मुख्य वजह रूसी सेना में भर्ती होने को लेकर खतरा है। लोगों को लगता है कि अब पुतिन उन्हें जबरन सेना में भर्ती करवा देंगे। रूस के साथ तुर्किये का हवाई संपर्क बना है जबकि अन्य देशों ने रूस से विमान सेवा रोक दी है। हालांकि, उन्होंने रूसियों को वीजा देने पर पाबंदी नहीं लगाई है, इसलिए रूसी किसी अन्य देश शरण लेने जाने से पहले तुर्किये आ रहे हैं। तुर्किये के अधिकारियों ने आधारिक रूप से नहीं बताया है कि कितने रूसी अबतक आए हैं। लेकिन जर्मनी के बाद रूस सबसे अधिक पर्यटक तुर्किये भेजने वाले देशों की सूची में शामिल होने के करीब है।

एक साल में 30 लाख रूसी लोगों ने छोड़ा देश
इस साल करीब 30 लाख रूसी, तुर्किये आ चुके हैं। तुर्किये की मीडिया ने भी खबर दी है कि रूसियों द्वारा देश में संपत्ति खरीदने और मकानों को किराए पर लेने की संख्या बढ़ी है। तुर्किये नाटो का सदस्य देश है, लेकिन ऊर्जा जरूरतों और पर्यटन के मामले में रूस पर निर्भर है। इसलिए उसने अमेरिका और यूरोपीय संघ द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों में शामिल नहीं हुआ। तुर्किये ने रूस और यूक्रेन के बीच संबंधों को संतुलित करने की कोशिश की और खुद को दोनों देशों के बीच मध्यस्थ बताया। मूल रूप से साइबेरियाई शहर ओमस्क निवासी और यूट्यूबर प्रोशिन ने कहा कि यूक्रेन में रूस को झटके लगने के बाद से युद्ध के प्रति समर्थन कम हो रहा है और यहां तक ‘राष्ट्रवादी’ रूसी भी पीछे हठ रहे हैं। रूस से इस्तांबुल आ रहे लोगों की मदद करने वाले समूह की समन्वयक इवा रैपोरेट ने कहा कि स्थिति वर्ष 1917 की रूसी क्रांति के बाद जैसी है, जब हजारों की संख्या में रूसी इस्तांबुल आए थे। उन्होंने बताया कि जो लोग आ रहे हैं उनका मानना है कि रूस में उनका भविष्य नहीं है।

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