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रूस ने ब्रिटेन पर लगाया नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन तोड़ने का आरोप, नौसेना के सदस्य की बताई हरकत, यूके ने किया खारिज

Russia Nord Stream Pipeline: रूस का आरोप है कि नॉर्ड स्ट्रीम गैस पाइपलाइन को नुकसान पहुंचाए जाने के पीछे ब्रिटेन का हाथ है। उसने कहा है कि ये काम उसकी नौसेना के एक कर्मी ने किया है।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन- India TV Hindi Image Source : AP रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन

Russia Nord Stream Pipeline: रूस के रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि ब्रिटिश नौसेना के कर्मी ने बीते महीने नॉर्ड स्ट्रीम गैस पाइपलाइन में विस्फोट किया था। रूस ने ऐसा कहकर सीधे नाटो के सदस्य देश पर रूसी इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ तोड़फोड़ करने का आरोप लगाया है। हालांकि रक्षा मंत्रालय ने अपने इस दावे के पीछे कोई सबूत पेश नहीं किया है। मंत्रालय ने कहा है, 'उपलब्ध जानकारी के अनुसार, ब्रिटिश नौसेना की इस यूनिट के प्रतिनिधियों ने इस साल 26 सितंबर को बाल्टिक सागर में आतंकी हमले की योजना, प्रावधान और कार्यान्वयन में हिस्सा लिया। इन्होंने नॉर्ड स्ट्रीम 1 और नॉर्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइन में विस्फोट किया है।' 

हालांकि ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय ने मामले में तत्काल टिप्पणी करने से साफ इनकार कर दिया है। रूस ने इससे पहले बीते महीने पश्चिम पर ही गैस पाइपलाइन को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया था। रूस की ये पाइपलाइन नॉर्ड स्ट्रीम 1 और नॉर्ड स्ट्रीम 2 हैं, जो बाल्टिक सागर में हैं। रूस ने कभी भी इसे लेकर कोई जानकारी नहीं दी है कि पाइपलाइन को आखिर किसने नुकसान पहुंचाया है। इन पाइपलाइन के जरिए रूस यूरोप को गैस की सप्लाई करता है। 

रूस पर भी लगा था आरोप

ये पाइपलाइन रूस की ही हैं लेकिन जब इनमें तोड़फोड़ हुई तो पश्चिमी देशों ने रूस पर ही ऐसा करने का आरोप लगाया। क्रेमलिन (रूसी राष्ट्रपति के कार्यालय) ने बार-बार इन आरोपों को मूर्खतापूर्ण करार दिया। रूसी अधिकारियों ने कहा कि अमेरिका का यही उद्देश्य है कि वह यूरोप को अधिक से अधिक एलएनजी गैस बेचे। वहीं अमेरिका ने मामले में अपनी भागीदारी होने से इनकार कर दिया है। 
  
नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन क्या है?

नॉर्ड स्ट्रीम 1 गैस पाइपलाइन की लंबाई 1224 किलोमीटर है। जो कि एक अंडरवॉटर यानी पानी के भीतर मौजूद पाइपलाइन है। यह उत्तर पश्चिमी रूस में वायबोर्ग से बाल्टिक सागर के माध्यम से पूर्वोत्तर जर्मनी के लुबमिन तक जाती है। इसका संचालन रूसी ऊर्जा कंपनी गैजप्रोम करती है। इस पाइपलाइन के जरिए गैस जर्मनी तक पहुंचाई जाती है। रॉयटर्स के मुताबिक, अधिकतर गैस सीधे जर्मनी जाती है, जबकि बाकी अन्य देशों के तटवर्ती लिंक के माध्यम से और स्टोरेज गुफाओं में पश्चिम और दक्षिण की ओर जाती है।

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