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रूसी सेना की और बढ़ेगी ताकत, पुतिन ने डिजिटल मसौदा प्रणाली बनाने के बिल पर किए हस्ताक्षर

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक डिजिटल मसौदा प्रणाली बनाने के लिए एक ऐसे बिल पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे कि रूसियों को सेना में शामिल करने में काफी मदद मिलेगी।

रूसी सेना की और बढ़ेगी ताकत, पुतिन ने डिजिटल मसौदा प्रणाली बनाने के बिल पर किए हस्ताक्षर- India TV Hindi Image Source : FILE रूसी सेना की और बढ़ेगी ताकत, पुतिन ने डिजिटल मसौदा प्रणाली बनाने के बिल पर किए हस्ताक्षर

Russia News: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक डिजिटल मसौदा प्रणाली बनाने के लिए एक ऐसे बिल पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे कि रूसियों को सेना में शामिल करने में काफी मदद मिलेगी।  उधर, यूक्रेन से जंग जारी है, इस बीच रूस में सेना की बड़ी भर्ती को लेकर तैयारियां चल रही हैं। इससे पहले रूस में वहां की संसद के निचले सदन जिसे स्टेट ड्यूमा कहा जाता है, उसने  सेना में सेवा से जुड़े कानून को अनुमति दी है। इसमें यह प्रावधान किया गया है कि सेना में बुलाए गए किसी भी जवान को देश से बाहर जाने की परमिशन नहीं होगी। इसे आर्मी में अनिवार्य भर्ती योजना का हिस्सा माना जा रहा है।

बात यह है कि पुतिन ने पिछले साल सितंबर माह में यह घोषणा की थी कि सेना में करीब 3 लाख अतिरिक्त सैनिकों की भर्ती की जाएगी। इसके बाद युवाओं का रूस से पलायन काफी तेजी से बढ़ गया था। ये युवा लंबे खिंचे युद्ध के परिणाम को लेकर आशान्वित नहीं थे। यही कारण रहा कि बड़ी संख्या में युवाओं ने देश छोड़ा था। अब नए कानून ने रूसियों की चिंता बढ़ा दी है कि जंग के लिए जबरन उनकी भर्ती की जा सकती है। 

सेना में भर्ती नहीं हुए तो निलंबन की सजा

नए कानून में डिजिटल समन, ईमेल, टेलिग्राम या सोशल मीडिया अकाउंट देने का प्रावधान किया गया है। इसे भेजे जाने के एक सप्ताह के अंदर पाने वाले के लिए स्वीकार्य माना जाएगा। समन जारी होने के 20 दिनों की अवधि के अंदर नागरिक को सेना में स्थानीय भर्ती ऑफिस में जाकर मौजूद होना होगा। अगर उपस्थित नहीं हुआ तो  सजा का प्रावधान है। इसमें ड्राइविंग लाइसेंस कैंसिल करना, चल चल और अचल सहित अन्य संपत्ति के रजिस्ट्रेशन पर रोक और बैंक कर्ज के लिए अयोग्य घोषित किया जाना शामिल है। 

इसमें ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित करनाए अचल संपत्ति और अन्य संपत्ति के रजिस्ट्रेशन पर रोक और बैंक कर्ज के लिए अयोग्य घोषित किया जाना शामिल है। इससे पहले रूस ने अमीरों को देश छोड़ने से रोकने के लिए कई पाबंदियां लगाई थीं। हालांकि इसके बाद भी पलायन थमा नहीं है।

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