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ब्रिटिश सांसदों ने 'पार्टीगेट' को लेकर पूर्व पीएम बोरिस जॉनसन के खिलाफ रिपोर्ट का किया समर्थन

ब्रिटेन के पूर्व पीएम बोरिस जॉनसन की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। उन पर डाउनिंग स्ट्रीट में कोरोनाकाल के दौरान नियम के विपरीत पार्टी आयोजित करने को लेकर सदन को जानबूझकर गुमराह किया गया। ऐसा आरोप लगाने वाली रिपोर्ट को ब्रिटिश सांसदों ने बड़ा समर्थन दिया है।

ब्रिटिश सांसदों ने 'पार्टीगेट' को लेकर पूर्व पीएम बोरिस जॉनसन के खिलाफ रिपोर्ट का किया समर्थन- India TV Hindi Image Source : FILE ब्रिटिश सांसदों ने 'पार्टीगेट' को लेकर पूर्व पीएम बोरिस जॉनसन के खिलाफ रिपोर्ट का किया समर्थन

Britain News: ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन पर डाउनिंग स्ट्रीट में कोविड-19 संबंधी नियम तोड़कर आयोजित की गईं पार्टी को लेकर संसद को जान-बूझकर गुमराह करने का आरोप लगाने वाली ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ समिति की रिपोर्ट को ब्रिटिश सांसदों ने 7 के मुकाबले 354 मतों से समर्थन दिया। जॉनसन ने संसद के निचले सदन ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ में कई बार इस बात से इनकार किया था कि ब्रिटिश पीएम के आधिकारिक हाउस और आफिस 10 डाउनिंग स्ट्रीट में कोविड-19 संबंधी नियम तोड़कर पार्टी आयोजित की गईं। 

जॉनसन द्वारा पार्लियामेंट को ‘गुमराह’ किए जाने संबंधी इस मामले को ‘पार्टीगेट’ नाम दिया गया है। 58 वर्षीय जॉनसन ने समिति के सदस्यों पर अपने पीछे पड़ जाने का आरोप लगाया और संसद सदस्यता से पहले ही इस्तीफा दे दिया है। 

‘कंजर्वेटिव पार्टी’ के नेता जॉनसन ने संसद की विशेषाधिकार समिति (कॉमन्स प्रिविलेजेस कमेटी) की अंतिम रिपोर्ट के मसौदे को देखने के बाद संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और अब वह पूर्व सांसदों को मिलने वाली संसद तक विशेष पहुंच का अधिकार भी खो देंगे। 

रिपोर्ट के निष्कर्षों पर चर्चा करने के लिए उनके कई सहयोगी और विपक्षी सदस्य सोमवार को ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ में इकट्ठा हुए। अधिकतर ने पूर्व पीएम बोरिस के कार्यों की निंदा की। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और ‘कंजर्वेटिव पार्टी’ के कई अन्य सदस्य रिपोर्ट के निष्कर्षों पर बहस या टिप्पणी में शामिल नहीं हुए। 

इसकी विपक्षी लेबर पार्टी के कई सांसदों ने घंटों चले सत्र के दौरान निंदा की। लेबर पार्टी के जेस फिलिप्स ने कहा, ‘यह शर्मनाक है कि इस देश के प्रधानमंत्री यह भी नहीं बता सकते कि यदि आज वह यहां आते तो किसके लिए वोट देते। मेरे विचार से यह कर्तव्य से विमुख होना है।’

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