A
Hindi News विदेश यूरोप क्या युद्ध में हुई रूस की हार? सेना के पीछे हटते ही यूक्रेनी सेना ने बनाई नई योजना, बदली रणनीति

क्या युद्ध में हुई रूस की हार? सेना के पीछे हटते ही यूक्रेनी सेना ने बनाई नई योजना, बदली रणनीति

Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच बीने नौ माह से जारी युद्ध के बीच खबर आई है कि यूक्रेन की सेना ने रूसी सेना के पीछे हटने के बाद अपनी योजना में बदलाव किया है। वह टोह के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रही है।

यूक्रेन की सेना ने योजना में किया बदलाव- India TV Hindi Image Source : PTI यूक्रेन की सेना ने योजना में किया बदलाव

यूक्रेनी निशानेबाज ने अपने दायरे को समायोजित करते हुए नाइपर नदी के पार एक रूसी सैनिक पर 0.50 कैलिबर की गोली से निशाना साधा। इससे पहले, दूसरे यूक्रेनी सैनिक ने रूसी सेना की टोह लेने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया। कुल मिलाकर खेरसॉन से बाहर निकलने के दो सप्ताह बाद रूस तोप से यूक्रेन के इस दक्षिणी शहर पर गोले बरसा रहा है, जबकि यूक्रेन अपने लंबी दूरी तक निशाना साधने वाले हथियारों से पलटवार कर रहा है। यूक्रेनी अधिकारियों का कहना है कि उनकी सेना अपनी गति को बनाये रखना चाहती है। यूक्रेन के साथ जारी नौ महीने के युद्ध में कब्जाई गई एकमात्र प्रांतीय राजधानी से भी रूस की वापसी उसकी सबसे करारी हार थी।

यूक्रेनी सेना के एक प्रवक्ता ने कहा कि अब जब उसके सैनिकों ने नयी स्थिति हासिल की है तो सेना नयी योजना बना रही है। यूक्रेनी सेना अब रूस-नियंत्रित क्षेत्रों में अंदरुनी सीमा तक हमले कर सकती है और संभवत: क्रीमिया के करीब अपनी जवाबी कार्रवाई कर सकती है, जिस पर रूस ने 2014 में अवैध रूप से कब्जा कर लिया था। रूसी सैनिकों ने क्रीमिया सीमा के पास और पूरब में दोनेत्स्क तथा लुहांस्क क्षेत्रों के बीच के कुछ इलाकों में ‘ट्रेंच सिस्टम’ (खाई बनाना) सहित किलेबंदी कर रखी है। ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय के अनुसार, कुछ ठिकानों पर रूस की नयी किलेबंदी मौजूदा अग्रिम मोर्चे से करीब 60 किलोमीटर पीछे तक है और इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि रूस एक बार फिर से यूक्रेन पर महत्वपूर्ण सफलता हासिल करने की फिराक में है।

सैन्य रणनीतिकार और सेवानिवृत्त ऑस्ट्रेलियाई सेना प्रमुख जनरल मिक रयान ने कहा, 'उनके पास गति है। इसे वह किसी भी रूप में बर्बाद करना नहीं चाहते।' नदी पार करने और रूसियों को और पीछे धकेलने के लिए यूक्रेन को जटिल तार्किक योजना की आवश्यकता होगी। दोनों पक्षों ने नाइपर पर बने पुलों को उड़ा दिया है। इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट के एक विश्लेषक मारियो बिकार्स्की ने कहा, 'इसी वजह से रूसियों की आपूर्ति लाइन कट गयी थी और यही वह वजह होगी कि नदी के बाएं किनारे से यूक्रेनी सेना को आगे बढ़ने में दिक्कत होगी।' वाशिंगटन स्थित थिंक टैंक इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ वॉर ने कहा है कि क्षेत्र को फिर से हासिल करने से यूक्रेनी सेना को खेरसॉन क्षेत्र में रूसी सेना को पीछे धकेलने में मदद मिल सकती है, क्योंकि इस इलाके में यूक्रेनी सैनिकों को रूसी तोप के कम गोलों का सामना करना पड़ेगा।

विश्लेषक बिकार्स्की ने कहा कि इस बीच रूस का मुख्य काम व्यापक खेरसॉन क्षेत्र से उसके सैनिकों की किसी भी तरह की वापसी को रोकना और क्रीमिया पर अपनी रक्षा प्रणालियों को मजबूत करना है। रूस के रोजाना हमले पहले से तेज होते जा रहे हैं। रूस के पीछे हटने के बाद पहली बार खेरसॉन में पिछले हफ्ते एक ईंधन डिपो पर हमला हुआ था। यूक्रेनी राष्ट्रपति के कार्यालय के अनुसार, इस सप्ताह रूसी गोलाबारी में कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गई और तीन घायल हो गए। रूस की वापसी से पहले रूसी हवाई हमलों ने प्रमुख बुनियादी ढांचे को क्षतिग्रस्त कर दिया, जिससे एक भयानक मानवीय संकट पैदा हो गया। रूसी गोलाबारी के कारण उष्मा, बिजली और पानी की कमी के डर से यूक्रेनी अधिकारियों ने हाल ही में खेरसॉन और मायकोलाइव क्षेत्रों के हाल ही में मुक्त किए गए हिस्सों से नागरिकों को निकालना शुरू कर दिया है।

Latest World News