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Hindi News विदेश यूरोप नन और पादरी भी इंटरनेट पर देखते हैं अश्लील वीडियो... ईसाई धर्म के सर्वोच्च गुरु पोप फ्रांसिस ने कबूला सच, बयान से मचा हड़कंप

नन और पादरी भी इंटरनेट पर देखते हैं अश्लील वीडियो... ईसाई धर्म के सर्वोच्च गुरु पोप फ्रांसिस ने कबूला सच, बयान से मचा हड़कंप

Vatican City Pope Francis: पोप ने कहा कि वह ये सब बोलते हुए केवल आपराधिक पोर्नोग्राफी की बात नहीं कर रहे हैं, जिसमें बच्चों के साथ होने वाला शोषण भी शामिल है।

पोप फ्रांसिस ने बताया सच- India TV Hindi Image Source : AP पोप फ्रांसिस ने बताया सच

Vatican City Pope Francis: ईसाइयों के सर्वोच्च गुरू पोप फ्रांसिस के एक खुलासे के बाद से हड़कंप मच गया है। उन्होंने एक ऐसा सच कबूला है, जिसके बारे में लोग सोच भी नहीं सकते। पोप ने कहा है कि नन और पादरी भी इंटरनेट पर अश्लील वीडियो यानी एडल्ट कंटेंट देखते हैं। चर्च के ये लीडर छोटे शैतान हैं। इस हफ्ते रोमन कैथोलिक चर्च में भविष्य के धार्मिक नेताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पादरी और नन ऑनलाइन पोर्नोग्राफी देखते हैं, बिलकुल सामान्य लोगों की तरह। यह एक ऐसी बुराई है जो कई लोगों, कई आम पुरुषों, कई आम महिलाओं और पुजारियों और ननों में है। 

उन्होंने कहा कि इस तरह आम आदमी शैतान बन जाता है। चर्च के एक छात्र ने 85 वर्षीय पोप से पूछा कि क्या भक्तों को सेल फोन जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग करना चाहिए। इस पर पोप फ्रांसिस ने कहा कि आप इनका प्रयोग करें। उन्होंने कहा कि इनका इस्तेमाल संवाद करने और केवल सहायता प्राप्त करने के लिए करें।

पोप फ्रांसिस ने पोर्नोग्राफी को सामान्य बताया

यूरोपियन टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पोप ने कहा कि वह ये सब बोलते हुए केवल आपराधिक पोर्नोग्राफी की बात नहीं कर रहे हैं, जिसमें बच्चों के साथ होने वाला शोषण भी शामिल है। ये पहले से ही गलत है लेकिन पोर्नोग्राफी थोड़ी सामान्य है। पोप ने कहा कि जो पादरी अभी चर्च का काम सीख रहे हैं, जैसे कि आप लोग, आपको इसे लेकर सावधान रहना चाहिए। इसमें डिजिटल पोर्नोग्राफी वो है, जिसके बारे में आप लोग जानते होंगे। उन्होंने कहा, 'एक पवित्र दिल, जो जीसस को हर दिन पाता है, वह ये अश्लील जानकारी प्राप्त नहीं कर सकता है। अगर आप इसे अपने मोबाइल फोन से हटाना सकते हैं, तो हटा दें।'

चर्च के कई लोगों पर लगा यौन शोषण का आरोप

वैटिकन सिटी ने बीते महीने नोबेल पुरस्कार विजेता बिशप कार्लोस जिमेनिस पर तमाम अनुशासनात्मक प्रतिबंध लगाए थे। उमपर दो दशक से भी अधिक समय से यौन शोषण के आरोप लग रहे थे। बिशप जिमेनिस 1990 के दशक में पूर्वी तिमोर में लड़कों के यौन शोषण के आरोपों से घिरे हुए हैं। वेटिकन ने कहा कि यौन शोषण से निपटने वाले कार्यालय को 2019 में बिशप जिमेनिस के आचरण के बारे में शिकायतें मिली थीं और उन पर एक साल के भीतर प्रतिबंध लगा दिया था। बिशप जिमेनिस की मूवमेंट और शक्तियों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं और उन्हें नाबालिगों के साथ स्वैच्छिक संपर्क या पूर्वी तिमोर में संपर्क करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है।

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