A
Hindi News विदेश अमेरिका पहली बार मिला मृत तारे का चक्कर लगाता ग्रह, सिर्फ 1.4 दिन का होता है इसका एक साल

पहली बार मिला मृत तारे का चक्कर लगाता ग्रह, सिर्फ 1.4 दिन का होता है इसका एक साल

वैज्ञानिकों ने पहली बार बृहस्पति के आकार के एक ऐसे ग्रह का पता लगाया है जो एक मृत तारे का चक्कर लगा रहा है। यह ग्रह पृथ्वी से लगभग 80 प्रकाश वर्ष दूर एक श्वेत एवं छोटे या मृत तारे के इर्द-गिर्द घूम रहा है।

WD 1856 b, Planet Orbiting Dead Star, Planet Dead Star, WD 1856 B Dead Star, Dead Star- India TV Hindi Image Source : NASA GODDARD वैज्ञानिकों ने पहली बार बृहस्पति के आकार के एक ऐसे ग्रह का पता लगाया है जो एक मृत तारे का चक्कर लगा रहा है।

वॉशिंगटन: वैज्ञानिकों ने पहली बार बृहस्पति के आकार के एक ऐसे ग्रह का पता लगाया है जो एक मृत तारे का चक्कर लगा रहा है। यह ग्रह पृथ्वी से लगभग 80 प्रकाश वर्ष दूर एक श्वेत एवं छोटे या मृत तारे के इर्द-गिर्द घूम रहा है। शोधकर्ताओं ने पाया है कि इस ग्रह की बाहरी परत लाल रंग की है और इसके भीतरी भाग में घना कोहरा सा छाया हुआ है। इस खोज से संबंधित खबर ‘नेचर’ पत्रिका में प्रकाशित हुई है। इस ग्रह को डब्ल्यूडी 1856 बी या WD 1856 b नाम दिया गया है। यह ग्रह हर 34 घंटे में छोटे तारे के नष्ट होने के बाद बचे अवशेषों के चक्कर लगा रहा है।

सिर्फ 1.4 दिन का होता है एक साल
WD 1856 b सबसे पहले नासा के टेस स्पेस टेलीस्कोप से दिखाई दिया। इसके बाद कई सप्ताह तक इस पर नजर रखी गई और इसकी परिक्रमा की गति देखी गई। बाद में पता चला कि यह एक मृत तारे या व्हाइट ड्वॉर्फ का चक्कर लगा रहा है। अमेरिका के कंसास विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर इयान क्रॉसफील्ड ने कहा, ‘यह ग्रह लगभग बृहस्पति के आकार का है, लेकिन इसकी परिक्रमा अवधि बहुत कम है और इस ग्रह पर एक वर्ष केवल 1.4 दिन का होता है। इस खोज से पता चलता है कि श्वेत छोटे तारों के भी अपने ग्रह हो सकते हैं जिसके बारे में अब तक हमें जानकारी नहीं थी।’

इसलिए बेहद खास है स ग्रह की खोज
बता दें कि पहले यह समझा जाता था कि श्वेत छोटे तारों के अपने ग्रह नहीं होते, क्योंकि उनके आसपास की परिस्थितियां बेहद अनिश्चित होती हैं। लेकिन अब इस ग्रह के मिलने के बाद और इसके व्हाइट ड्वॉर्फ या श्वेत छोटे तारे का चक्कर लगाने का पता चलने के बाद यह धारणा गलत साबित हुई है। जहां तक धरती से इसकी दूरी की बात है, तो यह करीब 80 प्रकाश वर्ष दूर है। यानी कि यदि हम 80 साल प्रकाश की रफ्तार से चलते रहे तो इस ग्रह पर पहुंच जाएंगे। सूर्य से धरती तक प्रकाश आने में 8 मिनट 19 सेकंड लगते हैं।

Latest World News