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कोविड-19 का टीका किसे पहले लगाया जाएगा, अमेरिका में इसको लेकर बहस शुरू

अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारियों को उम्मीद है कि कोविड-19 का विकसित होने वाला टीका सबसे पहले किन्हें दिया जाएगा, इसको लेकर अगले महीने के अंत तक दिशा-निर्देश का मसौदा तैयार हो जाएगा।

Debate begins in America for who's first in line for Coronavirus vaccine- India TV Hindi Image Source : AP Debate begins in America for who's first in line for Coronavirus vaccine

वाशिंगटन: अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारियों को उम्मीद है कि कोविड-19 का विकसित होने वाला टीका सबसे पहले किन्हें दिया जाएगा, इसको लेकर अगले महीने के अंत तक दिशा-निर्देश का मसौदा तैयार हो जाएगा। हालांकि, उनका मानना है कि यह एक अप्रिय फैसला होगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के निदेशक डॉ.फ्रांसिस कोलिंस ने कहा, ‘‘हर कोई इसका उत्तर पसंद नहीं करेगा। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान सरकार के सलाहकार समूह का हिस्सा है, जिससे हाल में इस मामले में मदद करने को कहा गया है। 

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे कई लोग होंगे, जो मानते हैं कि प्राथमिकता सूची में उन्हें सबसे ऊपर रखा जाना चाहिए।’’ पारंपरिक रूप से संभावित टीके को हासिल करने वालों की कतार में स्वास्थ्य कर्मी और वे लोग हैं, जिन्हें संक्रमण से सबसे अधिक खतरा है। हालांकि, कोलिंस नया विचार लेकर आए हैं। वह महामारी से सबसे अधिक प्रभावित लोगों और उन भौगोलिक क्षेत्रों को प्राथमिकता देना चाहते हैं, जहां इसका सर्वाधिक प्रभाव देखने को मिला है। साथ ही टीके के अंतिम चरण के परीक्षण में शामिल स्वयं सेवक हैं क्योंकि एक तुलनात्मक समूह की जरूरत है, जो बता सके कि वास्तव में जिन लोगों को टीका दिया गया है वह वास्तव में काम कर रहा है। 

कोलिंस ने कहा, ‘‘हम उन्हें विशेष प्राथमिकता देंगे।’’ उल्लेखनीय है कि इन गर्मियों में इस अध्ययन का उद्देश्य यह साबित करना है कि कोविड-19 के कौन से प्रायोगिक टीके सुरक्षित और प्रभावी हैं। मॉडर्ना इंक और फाइजर इंक ने पिछले हफ्ते परीक्षण शुरू किया और प्रत्येक परीक्षण में 30 हजार स्वयंसेवक शामिल हैं। अगले कुछ महीनों में इतने ही स्वयं सेवकों के साथ एस्ट्राजेनेका, जॉनसन ऐंड जॉनसन और नोवावेक्स भी परीक्षण करेंगे। कुछ चीन में निर्मित टीकों का भी छोटे स्तर पर अगले चरण का परीक्षण अन्य देशों में हो रहा है। 

अमेरिका में रोग नियंत्रण एवं निषेध केंद्र ने टीकाकरण के लिए सलाहकार समिति गठित की है , जो सरकार को टीकाकरण के संबंध में परामर्श देगी। उसकी सलाह सरकार लगभग हमेशा मानती है। टीके को लेकर भ्रामक सूचना प्रसारित हो रही है और भय है कि इसमें राजनीति हो सकती है। 

रोग नियंत्रण केंद्र के निदेशक रॉर्बट रेडफिल्ड ने कहा कि जनता को लगना चाहिये कि टीके का वितरण समानता, निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ हो रहा है। यह कैसे होगा? इस पर रोग नियंत्रण केंद्र ने शुरुआती परामर्श में कहा, टीके की पहली 1.2 करोड़ खुराक गंभीर रूप से बीमार, राष्ट्रीय सुरक्षा में लगे और अन्य आवश्यक सेवाओं में लगे लोगों को देनी चाहिए। वहीं अगली 11 करोड़ खुराक उन लोगों को दी जानी चाहिए, जिन्हें कोविड-19 से सबसे अधिक खतरा है। इनमें 65 साल से अधिक उम्र के लोगों, खराब सेहत वाले किसी भी उम्र के लोग शामिल हैं। इसके बाद आम लोगों का टीकाकरण होना चाहिए।

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