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भारत को रोहिंग्या शरणार्थियों को जबर्दस्ती वापस नहीं भेजना चाहिए: HRW

एक वैश्विक मानवाधिकार समूह ने कहा है कि भारत को अपने अंतर्राष्ट्रीय वैधानिक दायित्वों का पालन करना चाहिए और...

Rohingya refugees | AP Photo- India TV Hindi Rohingya refugees | AP Photo

न्यूयॉर्क: एक वैश्विक मानवाधिकार समूह ने कहा है कि भारत को अपने अंतर्राष्ट्रीय वैधानिक दायित्वों का पालन करना चाहिए और रोहिंग्या शरणार्थियों को उनके दावों पर निष्पक्ष सुनवाई किए बगैर उन्हें जबरन म्यांमार वापस नहीं भेजना चाहिए जहां उन्हें मुकदमे का सामना करना होगा।

ह्यूमन राइट्स वॉच (HRW) ने गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू के संसद में दिए बयान पर कि सरकार ने रोहिंग्या समेत अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों को वापस भेजने के लिए विस्तृत निर्देश जारी किए हैं, के संदर्भ में कहा कि भारत में करीब 40,000 रोहिंग्या अवैध रूप से रह रहे हैं। HRW की दक्षिण एशिया निदेशक मीनाक्षी गांगुली ने कहा, ‘भारत का श्रीलंका, अफगानिस्तान और तिब्बत समेत पड़ोसी देशों से भागकर अपने यहां आने वाली असुरक्षित आबादी की मदद का लंबा रिकॉर्ड रहा है।’

आपको बता दें कि रोहिंग्या मुख्य रूप से पश्चिमी म्यांमार में रहने वाली एक मुस्लिम अल्पसंख्यक आबादी है। गांगुली ने कहा, ‘भारतीय अधिकारियों को भारत के अंतर्राष्ट्रीय कानूनी दायित्वों का पालन करना चाहिए और उनके शरणार्थी होने के दावों का पहले निष्पक्ष रूप से आकलन किए बगैर किसी भी रोहिंग्या को म्यांमार नहीं भेजना चाहिए।’

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