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US में भारतीय पर नस्लीय टिप्पणी कहा, भारत लौटो और निक्की हैली को भी ले जाओ

अमेरिका में भारतीय मूल के एक सीईओ को नस्लीय टिप्पणी का सामना करना पड़ा और उनसे कहा गया भारत लौट जाओ और निक्की हेली को भी साथ ले जाओ। दरअसल सीईओ ने कहा था कि...

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न्यूयॉर्क: अमेरिका में भारतीय मूल के एक सीईओ को नस्लीय टिप्पणी का सामना करना पड़ा और उनसे कहा गया भारत लौट जाओ और निक्की हेली को भी साथ ले जाओ। दरअसल सीईओ ने कहा था कि वे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आर्थिक एजेंडा का समर्थन नहीं करेंगे। ऐसा उन्होंने ट्रंप द्वारा वर्जीनिया हिंसा में श्वेत प्रभुत्व को मानने वाले लोगों का बचाव करने के बाद कहा था। शिकागो ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक अमेरिका में जन्मे 44 वर्षीय राविन गांधी जीएमएम नॉनस्टिक कोटिंग्स के संस्थापक तथा सीईओ हैं। उन्होंने चार्लोट्सविले में हुई घटना के बारे में ट्रंप की टिप्पणियों के बाद सीएनबीसी में एक लेख लिखा था लेकिन इसके तुरंत बाद उन्हें पाठकों ने ट्रोल किया और उनके खिलाफ नस्लीय टिप्पणियां कीं। (दक्षिण एशिया में आधिपत्य जमाने वाली नीतियां शांति के खतरे के लिये जिम्मेदार: पाक)

लेख में राविन गांधी ने लिखा, मैंने न्यूयॉर्क टाइम्स को हाल में बताया कि मैं ट्रंप के आर्थिक एजेंडे के कुछ पहलुओं की तह में जाने की कोशिश कर रहा था। लेकिन चार्लोट्सविले की घटना के बाद मैं ट्रंप का बचाव नहीं करूंगा चाहे डॉलर 50,000 के स्तर पर पहुंच जाए, बेरोजगारी घटकर एक फीसदी रह जाए और जीडीपी सात फीसदी बढ़ जाए। मैं ऐसे राष्ट्रपति का समर्थन नहीं करूंगा जो लगता है कि उन अमेरिकियों से नफरत करते हैं जो उनकी तरह नहीं दिखते हैं। इस लेख पर उनके खिलाफ नफरत भरी टिप्पणियां आईं। एक वॉयसमेल में एक महिला ने गांधी को कहा, अपनी अपशब्द बकवास लेकर भारत लौट जाओ। महिला ने आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया और यह भी कहा कि उन्हें आधी बांग्लादेशी निक्की हेली को भी अपने साथ ले जाना चाहिए। निकी हेली संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी दूत हैं।

इसके बाद एक और वॉयसमेल में कहा गया कि गांधी अपने अपशब्द देश को जाकर साफ करे, वहां बहुत गंदगी है। खबर में कहा गया कि गांधी ने इनमें से कुछ संदेशों को यू-ट्यूब, ट्विटर और फेसबुक पर साझा भी किया। उन्होंने कहा, यह स्वभाविक है कि लोगों को लगेगा कि मेरी पेशवर स्थिति से मुझे किसी तरह का संरक्षण मिलेगा लेकिन मैं दिखाना चाहता हूं कि नस्लवाद सामाजिक आर्थिक स्थित को लेकर अंधा होता है। उन्होंने कहा, यद्यपि मेरे दिन ब दिन की गतिविधि में मेरी नस्ल की कोई भूमिका नहीं होती लेकिन यह दुखद हकीकत है कि अमेरिका में नस्लवादियों का एक समूह है जो मुझे दूसरे दर्जे के नागरिक के तौर पर देखता है।

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