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अमेरिकी इतिहासकारका मानना है कि पूर्वोत्तर होंडुरास के घने जंगलों में हजारों साल पहले सियूदाद ब्लांका नामक एक शहर था। वहां के लोग एक विशालकाय वानर मूर्ति की पूजा करते थे। प्रो. सिंह के अनुसार बंगाली रामायण में एक स्थान पर यह बताया गया है कि पाताल लोक की दूरी 1000 योजन है, जो करीब 12,800 किलोमीटर है। अब सवाल यह उठता है कि यहां के वाशिंदे जिस विशालकाय वानर रूपी प्रतिमा की पूजा करते थे, वह किसकी थी। दरअसल वह प्रतिमा हनुमान जी की भी हो सकती है औऱ उनके पुत्र मकरध्वज की भी, जिन्हें अहिरावण के मारे जाने के बाद भगवान राम ने पातालपुरी का राजा बना दिया था।
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