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Hindi News विदेश अमेरिका ट्रंप ने कहा, उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम रोकने में चीन नहीं हो पाया सफल

ट्रंप ने कहा, उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम रोकने में चीन नहीं हो पाया सफल

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उत्तर कोरिया का परमाणु कार्यक्रम रोकने के चीन के प्रयास कारगार नहीं रहे हैं लेकिन उन्होंने चीन के प्रयासों के लिए उसकी प्रशंसा की।

Trump said China did not succeed in preventing North Korea...- India TV Hindi Trump said China did not succeed in preventing North Korea nuclear program

वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उत्तर कोरिया का परमाणु कार्यक्रम रोकने के चीन के प्रयास कारगार नहीं रहे हैं लेकिन उन्होंने चीन के प्रयासों के लिए उसकी प्रशंसा की। ट्रंप ने एक ट्वीट में कहा, मैं उत्तर कोरिया के संबंध में राष्ट्रपति शी एवं चीन के प्रयासों की सराहना करता हूं लेकिन ये कारगार नहीं रहे है। मैं कम से कम इतना जानता हूं कि चीन ने प्रयास किए। उत्तर कोरिया के बारे में अमेरिका एवं चीन के वाशिंगटन में मुलाकात करने से कुछ ही घंटों पहले ट्रंप ने यह ट्वीट किया। (जनरल राहील शरीफ को रियाद से वापस नहीं बुला सकता पाकिस्तान)

न्यूयार्क टाइम्स ने एक रिपोर्ट में कहा कि यह ट्वीट किम जोंग उन के शासन से निपटने में अपनी रणनीति की असफलता की बात असाधारण तरीके से स्वीकार करना है। अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन और रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने राजनयिक एवं सुरक्षा वार्ता के लिए वाशिंगटन में मुलाकात की। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने कहा कि अमेरिका उत्तर कोरिया पर राजनीति एवं आर्थिक दबाव को लेकर काफी प्रभावी रहा है। स्पाइसर ने कहा, मेरा मानना है कि हम यह करना जारी रखेंगे। निस्संदेह चीन ने इस स्थिति से निपटने में मदद करने के लिए बड़ी भूमिका निभाई है और वह ऐसा करना जारी रख सकता है। हम चीन के साथ हुई वार्ता एवं संबंधों को आगे ले जाते रहेंगे।

उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में और आर्थिक रूप से हमारा पक्ष मजबूत करने में मदद करने को लेकर कुछ सकारात्मक कदम उठाए हैं। हमें उम्मीद है कि चीन के साथ वार्ता फलदायी हैं और वे हमें आगे ले जाती रहेंगी। ट्रंप ने इससे पहले अप्रैल में ट्वीट किया था, मुझे पूरा भरोसा है कि चीन उत्तर कोरिया के साथ उचित तरीके से निपटेगा। यदि वह ऐसा करने में सक्षम नहीं है तो अमेरिका अपने सहयोगियों से साथ मिलकर ऐसा करेगा।

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